Move to Jagran APP

पहले अपने बच्चों को सरकारी में दाखिल कराया, फिर प्राइवेट स्कूलों से खींच लाए विद्यार्थी

सौंगरी गुलियाणा गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के कार्यकारी ¨प्रसिपल कुलदीप बिढ़ाण दो साल में ही शिक्षकों के लिए मिसाल बन गए। स्कूल में बच्चे लाने के लिए उन्होंने खुद के दोनों बच्चों का गांव के सरकारी स्कूल में दाखिला कराया, ताकि कोई यह न कहे कि उनके बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। उसका असर भी हुआ। दो साल में छात्र संख्या 24

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 10:33 PM (IST)
पहले अपने बच्चों को सरकारी में दाखिल कराया, फिर प्राइवेट स्कूलों से खींच लाए विद्यार्थी
पहले अपने बच्चों को सरकारी में दाखिल कराया, फिर प्राइवेट स्कूलों से खींच लाए विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, कैथल : सौंगरी गुलियाणा गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के कार्यकारी ¨प्रसिपल कुलदीप बिढ़ाण दो साल में ही शिक्षकों के लिए मिसाल बन गए। स्कूल में बच्चे लाने के लिए उन्होंने खुद के दोनों बच्चों का गांव के सरकारी स्कूल में दाखिला कराया, ताकि कोई यह न कहे कि उनके बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। उसका असर भी हुआ। दो साल में छात्र संख्या 248 से 395 पार हो गई। 10वीं कक्षा का परिणाम 25 प्रतिशत से बढ़कर 72 प्रतिशत हो गया। इससे पहले ट्रांसफर ड्राइव के बाद 8 अगस्त, 2016 को जब उन्होंने स्कूल में ज्वाइन किया तो छात्र संख्या जो कभी चार सौ से ज्यादा होती थी, घटते घटते 248 पर पहुंच चुकी थी। पढ़ाई का स्तर गिरते-गिरते 10वीं कक्षा का परिणाम 25 पर आ चुका था। ट्रांसफर ड्राइव के बाद आने वाले शिक्षकों की संख्या जाने वालों की तुलना में नौ से चार थी यानी शिक्षकों की भारी कमी थी।

loksabha election banner

ऐसे हुई सुहाने सफर की शुरुआत

कुलदीप बिढ़ाण कहते हैं कि ज्वाइन करने के पहले सप्ताह ही ¨हदी प्राध्यापक दीपक राविश, संस्कृत के राजकुमार, इतिहास की सुमन देवी, सामाजिक विज्ञान के राजेश कुमार और लिपिक सते ¨सह के साथ बैठक कर स्कूल के हालातों पर विचार-विमर्श किया। सबसे पहले पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल के लिए स्वच्छता पर काम किया। स्वच्छता में कामयाबी मिली तो पढ़ाई और फिर अन्य गतिविधियों में। देखते ही देखते ग्रामीण भी साथ आ गए और फिर ग्राम शिक्षा सेवा समिति का गठन हुआ। संस्था के साथ दो वर्ष में स्कूल के हालात बदल दिए गए। संस्था ने ही स्टाफ के साथ शिक्षकों का इंतजाम किया। यहां तक कि बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने शिक्षकों कमी को दूर करने के लिए छोटी कक्षाओं को पढ़ाया।

अब ये हैं उपलब्धियां

-2017 में राष्ट्रीय स्वच्छता पुरस्कार में जिला में प्रथम स्थान।

-मुख्यमंत्री सौंदर्यकरण में खंड स्तर स्तर पर प्रथम स्थान।

-2016-17 में लीगल लिट्रेसी क्विज प्रतियोगिता में मंडल स्तर पर तीसरा व जिला में प्रथम स्थान।

-2017-18 में लीगल लिट्रेसी क्विज प्रतियोगिता जिला में द्वितीय स्थान।

-खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी खंड व जिला में अव्वल स्थान पर रहा।

-राजौंद ब्लॉक को सक्षम बनाने में स्कूल ने अपना अहम योगदान दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.