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एन्कवास योजना से जुड़ा देवबन का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

भारत सरकार के राष्ट्रीय गुणवत्ता एसयोरेंस कार्यक्रम (एन्कवास) से देवबन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को जोड़ा गया है। पिछले साल 19 व 20 नवंबर को नेशनल हेल्थ की टीम ने इस पीएचसी का दौरा किया था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 11:19 PM (IST)
एन्कवास योजना से जुड़ा देवबन का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
एन्कवास योजना से जुड़ा देवबन का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

सुरेंद्र सैनी, कैथल : भारत सरकार के राष्ट्रीय गुणवत्ता एसयोरेंस कार्यक्रम (एन्कवास) से देवबन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को जोड़ा गया है। पिछले साल 19 व 20 नवंबर को नेशनल हेल्थ की टीम ने इस पीएचसी का दौरा किया था। योजना से जुड़ने के लिए रखे गए मानकों पर पीएचसी खरी उतरी। इस योजना के तहत 70 प्रतिशत अंकों की जरूरत होती है, लेकिन यह पीएचसी इससे कहीं ज्यादा अंकों के साथ मेरिट में स्थान प्राप्त करने में सफल रही। 96.3 अंक पीएचसी को मिले हैं। विभाग ने इस केंद्र को प्रमाण पत्र व तीन लाख रुपये की राशि के साथ सम्मानित किया। अब यहां न केवल सुविधाएं बढ़ेगी बल्कि स्टाफ व चिकित्सकों की संख्या में भी इजाफा होगा।

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ये तीन प्राथमिक स्वास्थ्य

केंद्र हो चुके एन्कवास

देवबन पीएचसी से पहले जिले के तीन स्वास्थ्य केंद्र भी इस योजना से जोड़े जा चुके हैं। इनमें रसीना 97.0 अंकों के साथ मेरिट में रही। इस पीएचसी का 8 व 9 फरवरी 2018 को नेशनल हेल्थ की टीम ने दौरा किया था। भागल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा 30 व 31 जनवरी को यह केंद्र 95.0 अंक के साथ व क्योड़क केंद्र का दो व तीन अगस्त को दौरा किया। इस केंद्र को 88.0 अंक मिले। अब यहां भव्य भवन बनाया गया है। स्टाफ भी बढ़ा है। पानी की सुविधा बेहतर हुई है। कूलर व एसी भी केंद्रों को दिए गए हैं। बेडों की संख्या बढ़ी है। योजना से जुड़ने के बाद बजट भी केंद्र को समय-समय पर मिलता रहता है।

अब इन केंद्रों को योजना

से जोड़ने का लक्ष्य

चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के बाद अब विभाग ने आगामी चरण में पाडला, हाबड़ी, करोड़ा, किठाना, मूंदड़ी को चयनित किया है। योजना के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं, उन पर खरा उतरने के लिए यहां तैयारी की जा रही हैं।

चयन के लिए ये रखे गए मापदंड

-मरीजों को केंद्र में क्या सुविधा मिल रही है।

-स्टाफ व संसाधनों की स्थिति क्या है।

-दवाइयों व उपकरणों की क्या स्थिति है।

-डाक्टर मरीजों का इलाज किस तरह से कर रहे हैं।

-ओपीडी कितनी है, फाइल रिकॉर्ड की स्थिति।

-क्वालिटी गुणवता कितनी हैं।

-साफ-सफाई व पानी की सुविधा है या नहीं।

-किस-किस बीमारियों का इलाज किया जाता है।

हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी

सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र नैन ने बताया कि देवबन पीएचसी एन्कवास हो गई है। इससे पहले पिछले साल तीन पीएचसी योजना से जोड़ी जा चुकी हैं। इन केंद्रों पर हर सुविधा लोगों को मुहैया करवाई जाएगी। अन्य पीएचसी भी इससे जुड़े, इसके लिए तैयारी की जा रही हैं।


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