करंसी की कमी से औंधे मुंह गिरे सब्जी के दाम
जागरण संवाददाता, कैथल : नोटबंदी का असर शहर के सब्जी कारोबार पर पड़ा रहा है। नोट बं
जागरण संवाददाता, कैथल : नोटबंदी का असर शहर के सब्जी कारोबार पर पड़ा रहा है। नोट बंद होने से परेशान लोग जहां बैंकों में खड़े होकर नोट बदलवाने में लगे हैं, वहीं ग्राहकों की कमी होने से सब्जियों के भाव पिछले आठ-दस दिनों से 15 से 20 रुपए किलो कम हो गए हैं। है। हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब व दिल्ली से आनी वाली सब्जियों की मांग घटी है। कैथल की नई व पुरानी अनाज मंडी में बाहर से आने वाली सब्जियों की आवक काफी कम हो गई है। आढ़ती ने टमाटर, गोभी, मटर, आलू के 200 कट्टों की बजाय 50 कट्टे ही मंगवा रहे हैं, क्योंकि लागत कम होने कारण सब्जियां खराब हो रही है।
सब्जी विक्रेताओं को नुकसान
सब्जी मंडी में काम करने वाले राजेश कुमार व राजबीर न बताया कि पुराने नोट पर प्रतिबंध की घोषणा होने से पहले तक सब्जियां महंगे थे। काफी बचत भी हो रही थी, लेकिन आठ नवंबर को जैसे ही नोटबंदी हुई तो मंदी छा गई। अब ग्राहक कम आ रहे हैं। शादियों का सीजन होने के बावजूद ग्राहकों की संख्या न के बराबर है।
खरीदारों की घटती संख्या के कारण लाल आंख का आलू 50 से 60 रुपये व पहाड़ी आलू 40 से 45 रुपये किलो के भाव था। यही स्थिति गोभी व मेथी की थी। दोनों के भाव 30 रुपये किलो थे, लेकिन पुराने नोट बंद होने के बाद ग्राहकों की संख्या कम हो गई। इससे सब्जी विक्रेताओं को नुकसान होने लगा। रमेश कुमार व ज्ञान ¨सह ने कहा कि नोट पर प्रतिबंध लगने के बाद ग्राहक बहुत कम हो गए हैं। हरी सब्जियां खराब होने की वजह से सस्ते दामों में बेच रहे हैं। ताकि लागत निकल सके और हमारा घर खर्च भी निकल सके।