बस अड्डे के बाहर गड्ढे, बस पलटने का डर
बस स्टैंड के मुख्य गेट पर गड्ढे होने के कारण बसों को निकालने में चालकों को बस पलटने का भय बना रहता है। सड़क के बीचों-बीच एक फीट तक गड्ढे बने होने को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
बस स्टैंड के मुख्य गेट पर गड्ढे होने के कारण बसों को निकालने में चालकों को बस पलटने का भय बना रहता है। सड़क के बीचों-बीच एक फीट तक गड्ढे बने होने को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 15 दिन पहले अमृत योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई गई थी। इसके बाद कच्ची मिट्टी डाल दी गई है। कच्ची मिट्टी उखड़ गई। बारिश के समय में बस स्टैंड से दोपहिया वाहन चालकों का निकलना दूभर हो जाता है। दोपहिया वाहन चालक गड्ढों में गिरकर चोटिल हो जाते है। ऐसे में कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। चालक परिचालकों का कहना है कि बस स्टैंड से बस निकालते समय मुश्किल का सामना करना पड़ता है। बस का संतुलन नहीं बन पाता है। बस कई बार गड्ढों में खड़ी हो जाती है, जिससे बस की क्लच प्लेट टूटने का खतरा बना रहता है।
यात्री संदीप, रमेश, रामनिवास, राजेंद्र, अंकित का कहना है कि बस स्टैंड के सामने बड़ा गड्ढे बने हुए है उसमें बरसात का पानी भर जाता है। यात्री व बस चालक गड्ढे का अंदाजा नहीं कर पाते हैं और हादसे का शिकार बन जाते हैं। गड्ढे में पानी भर जाने के बाद निकलना भी दुर्भर हो जाता है। तेज रफ्तार वाहन चोटिल कर देते है।
गड्ढों को ठीक करने की आवश्यकता
राहगीर संदीप ने बताया कि बस स्टैंड के मेन गेट पर निकलना मुश्किल हो रहा है। जब बस बस स्टैंड से बाहर निकलती है तो कई बार गड्ढों में खड़ी हो जाती है। प्रशासन को इन गड्ढों को ठीक करने की आवश्यकता है। इस समस्या से निजात मिल सकती है।
समस्या का समाधान जल्द
जीएम रामकुमार ने बताया कि अमृत योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई गई थी। पाइप लाइन के बाद मिट्टी डलवा दी गई थी। इस समस्या को जल्दी ठीक करवा दिया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े। ------------