चीनी सामान का बहिष्कार कर स्वदेशी सामान को अपनाए जनता: कृष्ण
भारत और चीन की सीमा पर चल रहे तनाव का असर कारोबार पर साफ दिख रहा है। इस तनाव के चलते ही स्वदेशी सामान का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने और चीनी सामान का बहिष्कार करने की मुहिम निरंतर जोर पकड़ रही है।
संवाद सहयोगी, गुहला चीका :
भारत और चीन की सीमा पर चल रहे तनाव का असर कारोबार पर साफ दिख रहा है। इस तनाव के चलते ही स्वदेशी सामान का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने और चीनी सामान का बहिष्कार करने की मुहिम निरंतर जोर पकड़ रही है। पिछले कई वर्षों से देश में चीनी सामान की बढ़ती मांग से लगभग बेरोजगार हो चुके छोटे छोटे काम धंधे करने वाले लोगों में लोगों में अब एक बार फिर से उम्मीद जाग उठी है। चीन के निरंतर भारत विरोधी कदमों से इन लोगों को उम्मीद है कि इस बार लोग चीन के सामान का बहिष्कार कर देश में बने सामान का अवश्य अपनाएंगे। ऐसी उम्मीद चीका के एक बाजार में मिट्टी के दीये बेचने वाले कुम्हार कृष्ण कुमार को भी है। कृष्ण कुमार कहते हैं चीन में बनी बिजली की लडि़यां व झालरें बेशक देखने में सुंदर हो लेकिन ये लडि़यां लोगों को वह खुशी नहीं दे पाती जो मिट्टी से बने दीये, मशाल देते हैं। कृष्ण कुमार ने कहा कि मिट्टी के दीयों को सरसों का तेल डाल जलाया जाता है जिससे रोशनी के साथ साथ वातावरण तो शुरू होता ही साथ ही इन दीयों से निकलने वाली खुशबू हमारी सेहत के लिए अच्छी होती है। कृष्ण कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे इस बार चीनी सामान का बहिष्कार कर देश में बने सामान को अपनाएं। ऐसा करने से अपने देश के लोगों को रोजगार मिलेगा और वे आत्म निर्भर बनेंगे, जिससे प्रधान मंत्री का मेड इन इंडिया का सपना साकार होगा। चीनी सामान के बहिष्कार से चीन की कमर टूटेगी वह हमारी सीमाओं की तरफ झांकने की हिम्मत नहीं कर पाएगा।