इमरजेंसी में जेल की सजा काटने वाले 35 में से 19 लोग जीवित
25 जून वर्ष 1975 के दिन इमरजेंसी लगी थी जो एक मार्च 1977 को खत्म हुई। इमरजेंसी के इस दौर में जिले के 35 लोग भी विभिन्न जिलों में रहे।
जागरण संवाददाता, कैथल : 25 जून वर्ष 1975 के दिन इमरजेंसी लगी थी, जो एक मार्च 1977 को खत्म हुई। इमरजेंसी के इस दौर में जिले के 35 लोग भी विभिन्न जिलों में रहे। किसी ने तीन माह तो किसी ने डेढ़ साल से भी अधिक समय तक जेल क सजा काटी। अब कुल 19 लोग जीवित हैं और 16 लोग की मौत हो चुकी है। इमरजेंसी में जेल में रहे लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने उस दौर को याद करते हुए जेल में बिताए समय को लेकर चर्चा की। कैथल शहर निवासी प्रमुख उद्योगपति अमरनाथ भगत ने बताया कि तीन बार वे जेल में रहे हैं। वर्ष 1948 में पाकिस्तान से जब भारत लौटे तो यहां आते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वे पंजाब के फिरोजपुर जेल में रहे। इसके बाद वर्ष 1957 में हिदी आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया। वर्ष 1975 में कबूतर चौक से जब वे घर की तरफ जा रहे थे तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद शहर की छोटी जेल जो इस समय सिटी थाना के नाम से चलता है वहां तीन माह तक रखा गया। जेल में खाना ठीक मिलता था, लेकिन उन्होंने जेल का खाना कभी नहीं खाया, वे घर से ही अपना खाना मंगवाते थे।
अमरनाथ भगत ने वर्ष 1982 में जनसंघ की टिकट पर कैथल से चुनाव भी लड़ा। इस चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी प्रचार के लिए आए थे। इमरजेंसी के दौरान तीन माह तक जेल में रहे। भगत बताते हैं कि सरकार की तरफ से इमरजेंसी में जेल में रहे लोगों के लिए 10 हजार रुपये की पेंशन हैं। उन्होंने इस पेंशन का लाभ नहीं लिया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखित दिया था कि उनकी इस पेंशन राशि का लाभ किसी जरूरतमंद को दिया जाए।
बाक्स- अंबाला और करनाल जेल में भी रखा गया
श्री ग्यारह रूद्री प्राचीन शिव मंदिर संस्था के पूर्व प्रधान माईलाल सैनी ने इमरजेंसी के दौरान चार माह तक जेल की सजा काटी। वे कैथल जेल में रहे। सैनी बताते हैं कि कैथल शहर से गिरफ्तार किए गए काफी लोगों को अंबाला और करनाल जेल में भी रखा गया। उस समय उनके जेल में जाने से परिवार के लोगों को काफी परेशानी आई। माईलाल सैनी ने भाजपा की टिकट पर वर्ष 1991 में कैथल विधानसभा क्षेत्र से से चुनाव भी लड़ा था।