लोग नहीं करते अनुदान लेकर बनाए गए शौचालय का इस्तेमाल
सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत अनुदान देकर घरों में शौचालय बनवाए गए थे। 2017 के बाद शौचालयों के लिए अनुदान देने की स्कीम बंद हो गई थी।
जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत अनुदान देकर घरों में शौचालय बनवाए गए थे। 2017 के बाद शौचालयों के लिए अनुदान देने की स्कीम बंद हो गई थी। योजना के तहत 2700 लोगों को दस हजार और 4800 लोगों को 12 हजार रुपये की अनुदान राशि दी गई थी। ये शौचालय जिले के विभिन्न गांवों में बनवाए गए थे।
इनमें से कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अनुदान लेकर शौचालय तो बनवा लिया था, लेकिन अब उस शौचालय का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। शौचालयों को स्टोर की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है और उनमें सामान रखा जा रहा है। गांव रोहेड़ियां, सीवन, गुलियाना में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं। हालांकि जो लोग इन शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं उन्होंने घरों में दूसरे शौचालय बनवा लिए हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अनुदान मिलने से बनाए गए शौचालयों में अलग से पैसे खर्च कर नया रूप दिया है।
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63 हजार बने थे शौचालय
इस अभियान के तहत जिले में करीब 63 हजार शौचालय बनाए गए थे। इनमें से 7500 लोगों ने सरकार से अनुदान लेकर शौचालय बनाए थे। अन्य लोगों ने अपने स्तर पर शौचालय बनाए थे और अभियान को सफल बनाने में सहयोग दिया था। शौचालय का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह राशि खातों में डाली गई थी। दो बार वेरिफिकेशन करने के बाद ही राशि दी गई थी ताकि कोई गड़बड़ी ना हो सके।