किसी भी पार्टी ने नहीं किया पुरानी पेंशन की मांग को घोषणा पत्र में शामिल
पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने आश्वासन दिया था कि वे पुरानी पेंशन मांग को सरकार आने पर लागू करेंगे लेकिन उन्होंने घोषणा पत्र में इसका जिक्र तक नहीं किया है। भाजपा सरकार से तो कर्मचारी पहले ही पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद छोड़ चुके हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं ने आश्वासन दिया था कि वे पुरानी पेंशन मांग को सरकार आने पर लागू करेंगे, लेकिन उन्होंने घोषणा पत्र में इसका जिक्र तक नहीं किया है। भाजपा सरकार से तो कर्मचारी पहले ही पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद छोड़ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो लाख कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं जो कि पीड़ित हैं। कोई भी पार्टी या प्रत्याशी इसका समर्थन करता है तो कर्मचारी उसकी जीत में सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम लागू कर केंद्र सरकार कर्मचारियों के पैसे को कंपनियों के माध्यम से बाजार में लगा रही है। इसमें न तो न्यूनतम पेंशन का प्रावधान है और कोई निश्चित रिटर्न की गारंटी भी नहीं है। ऐसे में रिटायर होने के बाद कर्मचारियों को अपना जीवनयापन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसके विपरीत पुरानी पेंशन नीति सरकार और कर्मचारियों के लिए ज्यादा फायदेमंद थी।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी, विधायकों और सांसदों को ज्ञापन दे चुके हैं। सात अक्टूबर 2018 को करनाल में पेंशन अधिकार रैली और पेंशन अधिकार यात्रा निकल चुके है। राष्ट्रीय स्तर पर रामलीला मैदान में रैली और जंतर मंतर पर धरना दे चुके हैं, लेकिन सरकार पूंजीपतियों के दबाव में कर्मचारियों की बात सुनने को तैयार नही है। अब चुनाव आ गए हैं तो पुरानी पेंशन का विरोध करने वाली पार्टियों व नेताओं को इसके परिणाम दिखाने का समय है।