बिजली निगम में गबन की गई 54 लाख की राशि वसूलने के दिए आदेश
बिजली निगम के कैशियर द्वारा गबन की गई राशि की रिकवरी को लेकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। विभाग के उच्च अधिकारियों ने गबन की गई लगभग 54 लाख रुपये की राशि विभाग के 13 कर्मचारियों व 2 एसडीओ से रिकवरी किए जाने के आदेश दिए हैं।
संवाद सहयोगी, कलायत : बिजली निगम के कैशियर द्वारा गबन की गई राशि की रिकवरी को लेकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। विभाग के उच्च अधिकारियों ने गबन की गई लगभग 54 लाख रुपये की राशि विभाग के 13 कर्मचारियों व 2 एसडीओ से रिकवरी किए जाने के आदेश दिए हैं।
रविवार को उच्चाधिकारियों के आदेशों पर विभाग के कर्मचारियों द्वारा कार्यालय प्रांगण में गेट मीटिग कर रोष प्रकट किया गया। सब यूनिट प्रधान रोहताश शर्मा ने कहा कि कलायत में तैनात कैशियर गोबिद कुमार द्वारा किए गए गबन का जो मामला था, उसे स्थानीय कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा उजागर किया गया था।
प्राथमिक जांच में लगभग साढ़े चार लाख रुपये गबन का मामला पाया गया था, जिसकी प्राथमिकी कलायत थाना में दर्ज करवाई गई थी। गबन की राशि के ज्यादा होने की आशंका को लेकर स्थानीय कार्यालय के अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर जांच की मांग की थी। उच्च अधिकारियों द्वारा की गई अंतरिम जांच में गबन साढ़े चार लाख रुपये की बजाए 53 लाख 86 हजार 500 रुपये पाया गया। कर्मचारियों का यह कहना है कि इस गबन की रिकवरी दोषी ठहराए गए गोबिद से ही की जानी चाहिए। उच्चाधिकारियों द्वारा 15 अधिकारी व कर्मचारियों से रिकवरी किए जाने के जो आदेश दिए गए हैं, वे बेबुनियाद हैं। इस गबन में बाकी के कर्मचारियों का कोई सहयोग नही है।
एक कर्मचारी ने विभागीय राशि में गबन किया था जिसकी शिकायत कलायत कार्यालय के अधिकारियों द्वारा की गई थी। इसके लिए वे दोषी कहां से हो गए। कर्मचारी संगठनों ने ऐलान किया है कि यदि विभाग के 15 अधिकारियों व कर्मचारियों पर थोपी गई रिकवरी के आदेश वापस नहीं लिए जाते तो इसके विरोध में सोमवार को गेट मीटिग कर आगामी निर्णय लिया जाएगा। इस मौके पर अनुबंधित कर्मचारी संघ ने भी इस विरोध प्रदर्शन में अपना सहयोग दिया।
ये था मामला
एसडीओ भारत भूषण काला ने पुलिस का दी शिकायत में बताया कि सितंबर 2018 में कैशियर का कार्य संभाल रहे एएलएम के पद पर तैनात कर्मचारी पर बिजली बिल भरने के नाम पर उपभोक्ताओं के लाखों रुपए का गबन करने का मामला दर्ज करवाया गया था। इसकी जांच स्थानीय विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई थी। नगर व आस पास के गांवों के कुछ उपभोक्ताओं का आरोप था कि उन्होंने बिजली बिल के रुपए तो जमा करवा दिए लेकिन उनके बिल के विभागीय कोष में रुपए जमा नहीं किए गए। उपभोक्ताओं की शिकायत अनुसार अप्रैल व मई माह के बिलों की अपने स्तर के साथ साथ सीए धर्मपाल चुघ व हेड कैशियर द्वारा जांच की गई तो करीब 4 लाख 50 हजार 601 रुपये की गड़बड़ पाई गई थी। उन्होंने बताया कि गबन का आंकड़ा बढ़ने का आशंका को देखते हुए मामला हैड आफिस में आडिट के लिए लेटर भेज दिया गया था।