रक्षाबंधन पर बसों में यात्रियों की संख्या रही नाममात्र
रक्षाबंधन के त्योहार पर रोडवेज की बसों में यात्रियों की संख्या नाममात्र रही। इस बार पिछली साल से 70 प्रतिशत कम महिलाओं ने सफर तय किया।
जागरण संवाददाता, कैथल: रक्षाबंधन के त्योहार पर रोडवेज की बसों में यात्रियों की संख्या नाममात्र रही। इस बार पिछली साल से 70 प्रतिशत कम महिलाओं ने सफर तय किया। 2006 के रक्षाबंधन से अब तक महिलाएं फ्री में सफर तय करती आ रही है। लेकिन इस बार के रक्षा बंधन पर महिलाओं ने जेब खर्च के बाद सफर तय किया। सरकार ने कोरोना बीमारी के संक्रमण के भय से रोडवेज विभाग ने महिलाओं के निशुल्क किराये को बंद कर दिया था ताकि बसों में भीड़ न बढ़े। संक्रमण बीमारी से बचाया जा सके। 10 से 15 यात्रियों ने बस में सफर तय किया। वहीं विभाग की तरफ से 100 बसों को चलाया गया। वहीं कुछ लोग अपने निजी वाहनों पर सफर करते नजर आए। वहीं कोरोना के कारण बसों में यात्रियों की रूचि कम दिखाई दे रही है।
दो घंटे तक खड़ी रही बसें
सामान्य दिनों की अपेक्षा रक्षाबंधन के दिन सभी बूथों पर बसें लगाई गई। शाम पांच बजे तक यात्रियों की संख्या कम रही। इससे पहले यात्री कई-कई घंटे बसों के इंतजार करते थे, लेकिन इस बार बसें यात्रियों का इंतजार लंबे समय तक बस स्टैंड पर करती रही।
बसों में 30-35 यात्रियों का प्रबंध
रोडवेज विभाग की तरफ से कोरोना महामारी को देखते हुए 30 से 35 यात्रियों का बैठने का प्रबंध किया। तीन सीटर पर दो यात्रियों को बैठाया गया। वहीं दो सीटर पर एक यात्री का बैठने का प्रबंध था। मास्क के बिना बसों में प्रवेश नहीं दिया गया।
मास्क न लगाने वाले यात्रियों के किए चालान-
बस अड्डा इंचार्ज जीता राम ने बताया कि मास्क न लगाने वाले 15 के करीब यात्रियों के चालान किए। पुलिस प्रशासन ने मुख्य गेट पर चालान किए। कोरोना बीमारी में अब तक रोडवेज विभाग 155 चालान कर चुका है।
दो गज की दूरी का रखा ख्याल: टीएम
टीएम कमलजीत ने बताया कि यात्रियों के अनुसार बसों को भेजा गया है। डिपो से 100 के करीब बसों का संचालन किया गया। बस स्टैंड पर दो गज की दूरी का ख्याल रखा गया। मास्क वाले यात्रियों को बसों में प्रवेश दिया गया। चालक व परिचालक को बिना मास्क के बस चलाने की अनुमति नहीं थी।