निजी स्कूल बच्चे ढूंढते रहे, सरकारी स्कूलों में मनाया गया प्रवेश उत्सव
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जागरण संवाददाता, कैथल : सरकारी स्कूलों में एक अप्रैल प्रवेश उत्सव के रूप में मनाया गया। कभी एक अप्रैल को सुनसान रहने वाले सरकारी स्कूलों के प्रांगण आज बच्चों की मधुर आवाज से चहक उठे। इससे पहला ऐसा नजारा कभी सरकारी स्कूलों में नहीं दिखाई दिया। निजी स्कूलों को छोड़कर बच्चे सरकारी स्कूलों में कदम रखने को आतुर थे तो दूसरी तरफ स्कूल के छात्र और शिक्षक भी हाथ में थाली और फूल मालाएं लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 30 मार्च को परिणामों की घोषणा के बाद जब एक अप्रैल को सरकारी स्कूल खुले तो सभी स्कूलों में यही नजारा दिखा। कहीं बच्चों के साथ चित्र खिचवाएं गए तो कहीं बच्चों को उपहार भेंट किए गए। कईं स्कूलों में नए बच्चों के साथ हवन यज्ञ हुआ। आरोही मॉडल स्कूल रामगढ़ पांडवा में तो निर्माण कार्य की शुरुआत ही स्कूल में प्रवेश करने वालों बच्चों के हाथों हुई।
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देर से ही सही शिक्षकों को समझ में आई बात
दो से तीन वर्ष पहले सरकारी स्कूलों को छोड़ छात्र निजी स्कूलों का रुख कर रहे थे। घटती छात्र संख्या अधिकारियों और शिक्षकों को चिढ़ा रही थी। पिछले एक दो वर्षों में सरकारी स्कूलों सुधार लाने के लिए शिक्षकों में एक नई उर्जा का संचार हुआ है। पिछले करीब 15 दिनों से शिक्षक गांवों में रैली, बैठकें करने के साथ ही घर-घर जाकर अभिभावकों से मुलाकात कर रहे थे। मुहिम रंग लाई और सरकारी स्कूलों में पहले दिन जश्न मना।
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हर बच्चे तक पहुंचेगा विभाग
प्रवेश उत्सव छह अप्रैल तक चलेगा। छह अप्रैल तक शिक्षक पढ़ाई छोड़ने वाले एक-एक पूर्व छात्र तक पहुंचेगा। इन्हें वापस स्कूल लेकर आएगा। इसके अलावा निजी स्कूलों से भी इस बार काफी संख्या में बच्चे सरकारी स्कूलों में लौटे हैं। इससे पूर्व कुछ वर्ष पहले तक तक सरकारी स्कूल में पहुंचने वाले बच्चों को भी प्रिसिपल या शिक्षक कोई न कोई कमी निकालकर दाखिला नहीं देकर वापस लौटा देते थे। इस बार सरकारी स्कूलों ने प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाओं व उपलब्धियों का खूब प्रचार प्रसार किया।
वर्जन
छह अप्रैल तक प्रवेश उत्सव चलेगा। पुराने बच्चों स्कूल में बने रहे और नए बच्चे स्कूल में प्रवेश ले सकें यही प्रयास विभाग ने किया है। इस बार छात्र संख्या बढ़ने की पूरी उम्मीद है।
- शमशेर सिंह सिरोही, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कैथल।