बैंकों में पेंशन के लिए भटकते रहे बुजुर्ग
संवाद सहयोगी, कलायत: विमुद्रीकरण मामले में तय की गई समय सीमा समाप्त होने को है। इसके दृष्टिग
संवाद सहयोगी, कलायत: विमुद्रीकरण मामले में तय की गई समय सीमा समाप्त होने को है। इसके दृष्टिगत पुराने करेंसी को जमा कराने के बाद की स्थिति का पोस्टमार्टम करने का सिलसिला शुरू हो गया है। बैंकों के बाहर कतारों में खड़े उपभोक्ता नोटबंदी दिवस से लेकर अब तक की व्यवस्था का आकलन कर रहे हैं।
मंगलवार को सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में बुजुर्गाें और अन्य वर्ग के उपभोक्ताओं की कतार थी। वरिष्ठ नागरिक पेंशन के लिए भटकते नजर आए। दर्शना देवी, भरपाई ¨पजुपूरा, पनमेश्वरी ¨पजूपुरा, कृष्णा, कलायत, बीरमति, बीरभान ¨पजूपुरा, सतपाल व बीरभान का कहना है कि सरकार द्वारा उन्हें जो पेंशन दी जा रही है, उसे हासिल करने के लिए वे गत माह से बैंक के चक्कर लगा रहे हैं।
गांव बडसीकरी कलां के खाताधारक गुरनाम ¨सह के साथ खड़े प्रीतम ¨सह, राजबीर ¨सह का कहना था कि लोगों को विशेष जरूरत के अनुसार भी पैसा नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि देश में करीब 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनके पास अपार संपत्ति के साथ काला धन भी हो सकता है। इस नोटबंदी में कहीं भी कोई बड़ा व्यापारी, नेता, अधिकारी नहीं आ रहा उल्टा आम व्यक्ति लाइनों में खड़े हो धक्का मुक्की के साथ पैसा लेने के लिए मजबूर हो रहा है।
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बाबू जी मेरा बेटा बीमार है:
¨पजूपुरा की संतोष ने अपनी बैंक पास बुक दिखाते कहा कि उसका बच्चा बीमार है, जिसका निजी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है। बैंक में पैसा जमा होने के बावजूद उन्हें राशि नहीं मिल रही। इसके कारण इलाज करवाने में परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि वह बैंक कर्मचारियों से आग्रह कर चुकी है। अभी उनकी बात को सुना नहीं जा रहा।
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प्रक्रिया के अनुसार कर रहे काम:
सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के प्रबंधक कुमार मुकेश ने कहा कि पैसा कम मिलने के कारण न केवल खाताधारक व पेंशनधारकों बल्कि बैंक कर्मचारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैंक में करीब 750 पेंशनधारक हैं। सभी की दो माह की पेंशन बैंक में बकाया है। सबसे पहले इन्हें ही राशि देनी शुरू की जा रही है।