जिला अस्पताल में बढ़ी वायरल मरीजों की संख्या, विभाग ने बनाया डेंगू वार्ड
मौसम में बदलाव के बाद वायरल मरीजों की बढ़ी संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिला नागरिक अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है। यहां तीन बेड लगाकर सभी पर मच्छरदानी लगाई गई है। इसके साथ 24 घंटे अस्पताल में एलीजा टेस्ट व दवाइयों की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
जागरण संवाददाता, कैथल :
मौसम में बदलाव के बाद वायरल मरीजों की बढ़ी संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिला नागरिक अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है। यहां तीन बेड लगाकर सभी पर मच्छरदानी लगाई गई है। इसके साथ 24 घंटे अस्पताल में एलीजा टेस्ट व दवाइयों की सुविधा उपलब्ध रहेगी। लैब में डेंगू टेस्ट एलटी की एक विशेष टीम हर समय मौजूद रहेगी। जांच की सुविधा केवल जिला स्तर के अस्पताल में ही मिलेगी। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह सुविधा न होने से मरीजों को परेशानी आएगी। विभाग ने कार्ड से डेंगू टेस्ट की पुष्टि करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
तीन दिन पहले करनाल रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में लैब एलटी की तरफ से कार्ड टेस्ट से डेंगू की पुष्टि करने का मामला सामने आने के बाद विभाग ने सभी लैब संचालकों को नोटिस जारी करते हुए कार्ड टेस्ट नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं। अस्पताल में इन दिनों 2200 से 2300 मरीजों की ओपीडी है, जबकि पिछले माह 1800 से 2000 के बीच में ओपीडी थी।
पिछले साल डेंगू के सामने आए
थे 150 के करीब मरीज
पिछले साल जिले में डेंगू के करीब 150 केस सामने आए थे। शहर की अमरगढ़ गामड़ी, कृष्णा कालोनी, चंदाना गेट सहित कई कालोनियों में मरीजों की संख्या ज्यादा थी। पिछले साल जहां भी डेंगू के केस मिले थे, विभाग की टीम वहां फोकस करते हुए मरीज की हिस्ट्री जानने के लिए घरों में दस्तक दे रही है। इस बार जिले में मलेरिया का कोई केस सामने नहीं आया है। विभाग ने समक्ष युवाओं को साथ जोड़ते हुए लोगों को मलेरिया की रोकथाम के लिए जागरूक किया। जहां लारवा मिला वहां नोटिस जारी किया गया। अब मौसम में बदलाव के बाद विभाग की टीम ने डेंगू को लेकर सर्वे शुरू कर दिया है। लोगों को डेंगू के लक्षण, सावधानी व बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। लोगों को डेंगू के लक्षण मिलने पर जिला अस्पताल में टेस्ट कराने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। अस्पताल में निशुल्क टेस्ट की सुविधा है। प्राइवेट अस्पताल संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं 600 रुपये ही यह टेस्ट किया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में फोगिग को
लेकर हो रही खानापूर्ति
मौसम में परिर्वतन के बाद मच्छरों की भरमार के चलते लोगों को डेंगू का डर सताने लगा है। लोगों का कहना है कि शहर की कालोनियों में तो फोगिग की गई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में फोगिग के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। विभाग ने अब फोगिग का कार्य शहर में नगर परिषद, पालिका व गांव में पंचायतों को दिया हुआ है। जिले की 278 पंचायतों में से 100 के करीब पंचायतों ने ही अब तक फोगिग मशीन खरीदी है, अन्य पंचायतों ने मशीन नहीं खरीदी, इस कारण वहां फोगिग नहीं हो पाई। लोगों का कहना है कि बरसात के बाद जलभराव के चलते मच्छर वहां पनप रही है, जो घरों में डेंगू का डंक फैलाएंगे। विभागीय अधिकारियों को गांव में फोगिग करवानी चाहिए।
मरीजों के टेस्ट कराए जा रहे
मौसम में बदलाव के बाद अस्पताल में ओपीडी बढ़ी है। वायरल मरीजों की जांच के बाद टेस्ट करवाए जा रहे हैं। अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाया गया है। इस बुखार के लक्षण सामने आने पर मरीज सिविल अस्पताल में ही टेस्ट करवाएं। डॉ. दिनेश कंसल, वरिष्ठ चिकित्सक, जिला नागरिक अस्पताल।