अब दूसरे डिपो के चालक व परिचालक को करनी होगी बस स्टैंड पर रजिस्टर में एंट्री
दूसरे जिलों से वाया कैथल होकर हिसार चंडीगढ़ व अन्य लंबे रूटों पर चलने वाली बसों के चालक व परिचालक को अब बस स्टैंड पर रखे गए रजिस्टर में एंट्री करनी होगी।
जागरण संवाददाता, कैथल :
दूसरे जिलों से वाया कैथल होकर हिसार, चंडीगढ़ व अन्य लंबे रूटों पर चलने वाली बसों के चालक व परिचालक को अब बस स्टैंड पर रखे गए रजिस्टर में एंट्री करनी होगी। चालक व परिचालकों द्वारा रजिस्टर में एंट्री करने का नियम जीएम ने जारी किया है। इस एंट्री का कारण कैथल से बसों की कमी में इन रूटों पर बंद हुई बसें हैं।
बता दें कि कैथल डिपो में वर्तमान में 150 से घटकर महज 120 बसें ही रह गई है। ऐसे में दूसरे जिलों के डिपो से आने वाले बसों को स्टैंड पर लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है, क्योंकि शाम के समय दूसरे डिपो के चालक व परिचालक बस स्टैंड पर बस को बिना लगाए ही वापस चले जाते थे। अब रजिस्टर में एंट्री होने के बाद चालक व परिचालक के साथ बस और डिपो का रिकार्ड भी डिपो के पास रहेगा। जबकि पहले ऐसा नहीं होता था।
पहले गेट पर ही होती थी एंट्री, अब इंचार्ज के पास हो रही :
बस स्टैंड पर चालक व परिचालक द्वारा रजिस्टर में एंट्री गेट पर की जाती थी, लेकिन उस समय कर्मचारियों की कमी में इस नियम को बंद कर दिया था। अब बस की लोकेशन और अन्य जानकारी को लेकर जीएम की ओर से रजिस्टर की एंट्री के नियम को दोबारा लागू किया गया है। अब चालक व परिचालकों द्वारा बस अड्डा इंचार्ज के पास यह एंट्री की जा रही है। इससे बस की लोकेशन और चालक परिचालक की जानकारी हासिल करने में काफी आसानी रहती है। यदि किसी यात्री को बस का पता लगाना है तो भी इस रजिस्टर के माध्यम से पता लगाया जा सकता है।
यह नियम काफी सहायक :
रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक रामकुमार भुक्कल ने बताया कि चालक व परिचालक की ओर से बस स्टैंड पर रजिस्टर पर एंट्री का नियम यात्रियों के लिए काफी लाभकारी रहेगी। अब कोई भी चालक या परिचालक बस को बस स्टैंड के बाहर से नहीं लेकर जा सकेगा। इसी उद्देश्य से इन नियम को लागू किया गया है। यदि इसके बावजूद कोई चालक या परिचालक रजिस्टर में एंट्री नहीं करेगा तो उसके डिपो के जीएम को लिखित में कार्रवाई के लिखा जाएगा।