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निजी लैब संचालकों को स्वास्थ्य विभाग का नोटिस

एक महिला की फर्जी डेंगू रिपोर्ट देने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के सभी निजी लैब संचालकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस में साफ लिखा है कि कोई भी लैब संचालक कार्ड से डेंगू का टेस्ट नहीं करेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 09:15 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 09:15 AM (IST)
निजी लैब संचालकों को स्वास्थ्य विभाग का नोटिस
निजी लैब संचालकों को स्वास्थ्य विभाग का नोटिस

सुनील जांगड़ा, कैथल : एक महिला की फर्जी डेंगू रिपोर्ट देने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के सभी निजी लैब संचालकों को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस में साफ लिखा है कि कोई भी लैब संचालक कार्ड से डेंगू का टेस्ट नहीं करेगा। अगर ऐसा किया गया तो विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी और लैब को भी बंद कराया जा सकता है।

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लैब संचालक एलिजा रिडर से ही डेंगू का टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए सरकार व विभाग की ओर से 600 रुपये फीस निर्धारित की गई है। अगर इससे ज्यादा फीस ली गई तो भी कार्रवाई की जाएगी। जिला नागरिक अस्पताल में एलिजा रिडर मशीन रखी गई है, जिससे निशुल्क डेंगू का टेस्ट किया जाता है।

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गर्मियों व बरसात के मौसम

में पनपता डेंगू का मच्छर

डेंगू का मच्छर गर्मियों व बरसात के मौसम में ही पनपता है जो नवंबर माह तक रहता है। इन दिनों में ही डेंगू व मलेरिया के मरीज अस्पताल में आते हैं। हल्का सा बुखार होने पर मरीज का डेंगू व लारवा का टेस्ट करवाया जाता है। नागरिक अस्पताल के अलावा मरीज ज्यादा संख्या में निजी अस्पतालों में ही इलाज के लिए जाते हैं। इसके लिए लैब व निजी अस्पताल मरीज का कार्ड बेस टेस्ट करते हैं, जो सरकार की ओर से मान्य नहीं है। डेंगू के टेस्ट की रिपोर्ट आने में करीब तीन घंटे का समय लगता है, लेकिन निजी अस्पताल व लैब संचालक कुछ देर बाद ही रिपोर्ट दे देते हैं।

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25 हजार प्लेटलेट्स पर खतरा नहीं

बुखार व डेंगू में मरीज की प्लेटलेट्स कम हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 25 हजार प्लेटलेट्स रहने तक कोई खतरा नहीं होता है। अगर इससे नीचे प्लेटलेट्स आती है तो मरीज को एडमिट करने की जरूरत होती है। वहीं कुछ निजी अस्पताल संचालक एक लाख प्लेटलेट्स रहने पर ही मरीज को भर्ती कर लेते हैं और उनसे मनचाही फीस वसूलते हैं।

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1076 सक्षम युवाओं की टीम

ने किया है जागरूक

स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बार 1076 युवाओं को जागरूकता के लिए रखा गया था। चार से पांच सदस्यों की टीमें बनाई गई थी, जिन्होंने घर-घर जाकर डेंगू व मलेरिया को लेकर जागरूक किया था। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों में भी अभियान चलाया गया था। जहां भी विभाग को लारवा मिला था, वहीं नोटिस जारी किया गया था। विभाग का दावा है कि जागरूकता के कारण ही जिले में अभी तक कोई भी डेंगू का मरीज सामने नहीं आया है।

बॉक्स : डेंगू का मरीज नहीं आया सामने

जिला मलेरिया अधिकारी नीरज मंगला ने बताया कि एक निजी अस्पताल के लैब एलटी ने महिला की गलत डेंगू रिपोर्ट तैयार की थी, जिस पर कार्रवाई की गई थी। अब शहर की सभी निजी लैब संचालकों को नोटिस भेजा गया है कि कार्ड से डेंगू का टेस्ट न करें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को जागरूक किया गया था, जिस कारण जिले में कोई भी डेंगू का मरीज सामने नहीं आया है।


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