महिला शिक्षिका उत्पीड़न मामले की सुनवाई के लिए कलायत पहुंची आयोग की सदस्य
एक निजी स्कूल में कार्यरत महिला शिक्षिका के प्रिसिपल पर लगाए गए आरोपों की जांच को लेकर मंगलवार को हरियाणा महिला आयोग सदस्य एडवोकेट नम्रता गौड़ कलायत पहुंची। उन्होंने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में घंटों तक मामले की सुनवाई की।
संवाद सहयोगी, कलायत: एक निजी स्कूल में कार्यरत महिला शिक्षिका के प्रिसिपल पर लगाए गए आरोपों की जांच को लेकर मंगलवार को हरियाणा महिला आयोग सदस्य एडवोकेट नम्रता गौड़ कलायत पहुंची। उन्होंने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में घंटों तक मामले की सुनवाई की। शिकायतकर्ता, आरोपित, पुलिस अधिकारियों और घटना से जुड़े अन्य लोगों से सिलसिलेवार जानकारी ली। तथ्य और पहलुओं की गहराई तक जांच करते हुए नम्रता ने डीएसपी विनोद शंकर को आरोपित की तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षिका ने प्रताड़ना से संबंधित शिकायत 1091 पर की थी। उसने अपने सहकर्मियों और स्वजनों के सामने घटना का उल्लेख किया और कहा कि प्रताड़ना के कारण ही वह स्कूल छोड़ने पर विवश हुई है। नम्रता गौड़ ने महिला प्रताड़ना से जुड़ी हर कड़ी तक पहुंचने का प्रयास किया। पीड़िता ने सुनवाई के दौरान जो पहलू रखे उसके आधार पर एक अन्य महिला शिक्षिका से नम्रता ने मोबाइल पर संपर्क साधा और घटना की जानकारी ली। बातचीत में स्पष्ट हुआ कि पीड़िता ने उस महिला से वाकया सांझा किया था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। तमाम बिदुओं की जांच करने के बाद ही पुलिस अधिकारियों को आरोपित की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।
पीड़िता बोली, निरंतर हो रही थी प्रताड़ना:
पीड़िता शिक्षिका ने महिला आयोग की सदस्य को बताया कि उसके पति की शिक्षण संस्थान में हिस्सेदारी थी। लेनदेन के आए दिन होने वाले विवादों के कारण उन्होंने स्कूल में आना जाना छोड़ रखा था। जबकि वह शिक्षिका के रूप में अपनी सेवाएं दे रही थीं। उसका स्कूल छुड़वाने के लिए निरंतर उसको प्रिसिपल द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। तीन मार्च को उसके साथ अनुचित बर्ताव करते हुए स्कूल से बाहर निकल जाने को कहा।
प्रिसिपल बोला, मैं निर्दोष हूं
निजी स्कूल प्रिसिपल ने कहा कि उन्होंने शिकायतकर्ता से किसी प्रकार का अनुचित व्यवहार नहीं किया। उसे झूठे मामले में फंसाने की पहले ही धमकियां मिल रही थी। उस पर यह दबाव बनाया जा रहा था कि बगैर किसी शर्त वे स्कूल छोड़ दें। इसी साजिश में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। निर्दाेष होने के उसके पास साक्ष्य हैं। इनके आधार पर ही आयोग सदस्य से उन्होंने न्याय की अपील की।