दम तोड़ रही सरकार की मेरी फसल, मेरा ब्योरा योजना
सरकार की मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ रही है। कैथल में एक लाख 73 हजार हेक्टेयर में गेहूं व सरसों की फसल है और 67 हजार किसान परिवार इनसे जुड़े हैं। विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की आंकड़ा देखकर ही सांसे फूली हुई हैं। कृषि विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार 20 जनवरी तक केवल 200 किसानों की फसल का ब्योरा ही ऑनलाइन दर्ज हो पाया है
जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार की मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ रही है। कैथल में एक लाख 73 हजार हेक्टेयर में गेहूं व सरसों की फसल है और 67 हजार किसान परिवार इनसे जुड़े हैं। विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की आंकड़ा देखकर ही सांसे फूली हुई हैं। कृषि विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार 20 जनवरी तक केवल 200 किसानों की फसल का ब्योरा ही ऑनलाइन दर्ज हो पाया है। यानि एक दिन में 10 आवेदन ही ऑनलाइन हो पा रहे हैं। यही हाल रहा तो कई वर्षों तक भी 2019 की गेहूं व सरसों की फसल का ब्योरा दर्ज नहीं हो पाएगा। योजना का ये हाल स्टाफ और जागरूकता की कमी के चलते हुआ है। वहीं सरकार ने आनलाइन ब्योरा दर्ज करवाने की अंतिम तारीख 31 जनवरी तय की हुई है।
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विभाग में ये पद हैं खाली
विभाग में फिल्ड में काम करने वाले स्टाफ के 92 पद हैं, जिनमें से एक एसडीओ सहित 51 पद खाली पड़े हैं। विभाग में किसी भी योजना को लागू करने का सबसे ज्यादा भार सहायक कृषि अधिकारी पर है, लेकिन इनके भी 55 में से 39 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा एसएमएस के 04 में से 02 पद, बीटीएम के 06 में से 02 पद, एटीएम 18 में से 05 पद खाली हैं। बीएओ के 05 में से 01 पद व टीए के 04 में से 02 पद खाली हैं।
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विभाग ऑफलाइन भी दर्ज
कर रहा रिकार्ड
खेतीबाड़ी से जुड़े अधिकतर परिवार या तो कम पढ़े लिखे हैं या फिर अनपढ़ हैं। इसके चलते किसान आनलाइन रिकार्ड नहीं दर्ज कर पा रहे हैं। विभाग इनसे पहले आफलाइन रिकार्ड ले रहा है और फिर इसको सरल केंद्रों के माध्यम से आनलाइन करवा रहा है। हालात ये हैं कि विभाग के पास रिकार्ड दर्ज करने के लिए फार्म भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
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किसानों की डिटेल जुटाने
में हो रही मुश्किल
ब्योरा दर्ज करते समय गेहूं और सरसों के रकबे के साथ ही किला नंबर और खसरा नंबर भी भरना पड़ता है। इतने ही नहीं जिस किसान के नाम जमीन है, उसकी भी पूरी जानकारी व जो वर्तमान में खेती कर रहा है, उसकी भी पूरी रिकार्ड दर्ज करना होता है। खासकर ठेके और पट्टेदारों का रिकार्ड दर्ज करने में कृषि अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।
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रिकार्ड दर्ज होने पर ही होगी फसल की बिक्री
विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिन किसानों का मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना के तहत पंजीकरण होगा मंडियों में सिर्फ उन्हीं किसानों की फसलों की बिक्री होगी। पंजीकृत किसानों की फसल की खरीद समय पर व समर्थन मूल्य पर सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा रिकार्ड दर्ज होने से स्थानीय मंडियों में बाहर से आने वाली फसलों पर रोक लगेगी।
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आनलाइन करने की बढ़ेगी तारीख
- विभाग को आनलाइन ब्योरा रिकार्ड दर्ज करने की तारीख बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि जिस गति से काम हो रहा है, उसके अनुसार 31 जनवरी तक रिकार्ड आनलाइन करना संभव ही नहीं है।
बाक्स- फसलों का रिकार्ड एकत्र किया जा रहा
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि किसानों की फसलों का रिकार्ड एकत्र किया जा रहा है। किसानों की संख्या को देखते हुए तय समय में तो ऑनलाइन रिकार्ड दर्ज करना मुश्किल होगा। कई अन्य परेशानी भी अधिकारी, कर्मचारियों के सामने आ रही हैं।