Move to Jagran APP

हौसले : दूध बेचकर बेटी को मैरीकॉम बनाने में जुटी है हरियाणा की एक मां

कैथल की एक मां अपने बेटी को मैरीकाॅम बनाने चाहती है अौर इसके लिए वह गरीबी से लड़ रही है। वह दूध बेचकर बेटी और अपने सपने को पूरा करने में शिद्दत से जुटी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 25 Dec 2016 10:56 AM (IST)Updated: Mon, 26 Dec 2016 07:23 PM (IST)
हौसले : दूध बेचकर बेटी को मैरीकॉम बनाने में जुटी है हरियाणा की एक मां

कैथल, [सुरेंद्र सैनी]। कन्या भ्रूण हत्या और बेटियों के प्रति दकियानूसी नजरियेे के लिए बदनाम रहे हरियाणा का शानदार पहलू सामने आ रहा है। यहां बेटियों को ऊंचा मुकाम दिलाने वाले केवल एक महाबीर फौगाट नहीं हैं। कैथल के पट्टी अफगान गांव की नीलम कर्ज लेकर और दूध बेचकर अपनी बेटी के सपने काे पूरा करने में जुटी है। बेटी का मैरीकॉम बनने का सपना अब मां का ख्बाव भी बन गया है।

loksabha election banner

पट्टी अफगान की नीलम अपनी बेटी निकिता को मैरीकॉम बनाने के लिए हर मश्किल को पार करने में जुटी है। बेटी भी मां की उम्मीदों पर खरी उतरते हुए तीन बार राज्य प्रतियोगिता में गोल्डन पंच लगा चुकी है। नीलम चाहती है कि निकतिा एक दिन महिला मुक्केबाज मैरीकॉम की तरह देश और हरियाणा का नाम रोशन करे।

गरीबी से बेजार मां को बेटी की जिद के आगे झुकना पड़ा

नीलम बताती हैं कि एक साल पहले बेटी निकिता ने बॉक्सिंग शुरू की थी। गरीबी के कारण उसने निकिता को खेलने से रोका था, लेकिन जब बेटी ने जिद नहीं छोड़ी तो उसने भी उसके सपने को पूरा करने की ठान ली। नीलम ने बताया कि घर के साथ-साथ बेटी की पढ़ाई व खेल पर काफी खर्च होता है। घर में दो भैंस रखी हैं और उनका दूध बेचकर जो पैसा मिलता है उससे ही खर्च चल रहा है।

उधार की बॉक्सिंग किट से खेलती है प्रतियोगिता में

निकिता बताती है कि उनकी माली हालत ठीक न होने के कारण वह बॉक्सिंग किट खरीदने में असमर्थ है। मां को इस बारे में कई बार कह चुकी हैं, लेकिन किट खरीदने के लिए पैसा बच नहीं पाता है। दूध बेचकर जो पैसा मिलता है वह घर का राशन, उसकी पढ़ाई व प्रतियोगिताओं में आने-जाने का किराया सहित अन्य खर्च में निकल जाता है।

निकिता ने बताया कि जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में वह गांव की ही साथी बॉक्सर शीतल की किट उधार लेकर जाती है। अब तक इसी किट से उसने जिला व स्टेट में हुई तीन प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीते हैं। जनवरी 2017 में रोहतक में सब जूनियर प्रतियोगिता में उसका चयन हुआ है। सरकार से सहयोग नहीं मिलने के कारण उसे इस प्रतियोगिता के लिए भी बॉक्सिंग किट व जूते भी मांगकर ले जाने पड़ेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.