शहर के दो अस्पतालों में स्टेट ड्रग कंट्रोल की रेड, नहीं दिखा पाए दवाई बेचने का रिकार्ड, 19 सैंपल लिए
बिना लाइसेंस के दवाई बेचने को लेकर हरियाणा स्टेट ड्रग कंट्रोल विभाग की ओर से प्रदेश भर में सहायक स्टेट ड्रग कंट्रोलर रिपेन मेहता के नेतृत्व में अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत निजी अस्पतालों में चल रहे दवाओं के सेल काउंटरों की व्यापक जांच की जा रही है। इसी कड़ी में दो टीमों ने कैथल शहर के दो अस्पतालों में रेड की।
जागरण संवाददाता, कैथल : बिना लाइसेंस के दवाई बेचने को लेकर हरियाणा स्टेट ड्रग कंट्रोल विभाग की ओर से प्रदेश भर में सहायक स्टेट ड्रग कंट्रोलर रिपेन मेहता के नेतृत्व में अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत निजी अस्पतालों में चल रहे दवाओं के सेल काउंटरों की व्यापक जांच की जा रही है। इसी कड़ी में दो टीमों ने कैथल शहर के दो अस्पतालों में रेड की। एक टीम जिला ड्रग कंट्रोलर डा.रजनीश धानीवाल के नेतृत्व में करनाल रोड स्थित श्रीकृष्णा अस्पताल में पहुंची और दूसरी टीम पंचकूला के जिला ड्रग कंट्रोलर प्रवीण चौधरी के नेतृत्व में पोपली नर्सिंग होम एंड चेस्ट क्लीनिक में जांच करने आई। डा.रजनीश धानीवाल ने बताया कि उन्होंने श्रीकृष्णा अस्पताल से छह दवाओं के सैंपल लिए हैं। डाक्टर से दवाइयों के सेल काउंटर से बेची गई दवाइयों का रिकार्ड मांगा, लेकिन वह उपलब्ध नहीं करा पाए। इसी तरह डा.प्रवीण चौधरी की टीम ने 13 दवाओं के सैंपल सीज किए हैं।
डा. रजनीश धानीवाल के मुताबिक अस्पताल संचालकों को ड्रग एक्ट के शेड्यूल- छह में दवाइयां रखने और बेचने की छूट दी गई है, लेकिन इसके लिए बाकायदा रिकार्ड रखना होगा। जोकि इन अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हो पाया। अब इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। दोनों अस्पतालों से दवाओं के खरीद और बिक्री का रिकार्ड, वितरण का रिकार्ड, कितना पैसा वसूल किया जाता है, इस तरह के रिकार्ड को तलब किया जाएगा। इस जांच का उद्देश्य यह देखना था कि संबंधित अस्पताल संचालक मरीजों के लिए खुद दवाई लिख कर इन सेल काउंटर पर उपलब्ध करवा रहे हैं या फिर इन दुकानों को कोई और ही चलाता है। श्रीकृष्णा अस्पताल में पाया गया कि दवा सेल काउंटर के दो दरवाजे बना रहे थे। यहां से रिकार्ड भी उपलब्ध नहीं हुआ। यह सेल काउंटर डा.दिनेश कुमार चला रहे हैं। डा.पोपली अस्पताल में सेल काउंटर कर्मचारी दीपक बत्तरा संभालते हैं। जांच की रिपोर्ट के अनुसार दोनों जगह मरीजों को कैश मीमो नहीं दी जाती। डा.धानीवाल ने कहा कि अस्पतालों के जवाब के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।