दूसरे दिन भी बैंकों पर लटके रहे ताले, लोग भटकते रहे इधर उधर
लगातार तीन दिनों तक बैंक व एटीएम बंद रहने से लोगों को परेशानियां और भी बढ़ने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, कैथल: यूनाइटेड फोरम ऑफ यूनियन बैंक के कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इस कारण बैंकों के साथ ही अधिकांश एटीएम केंद्रों पर ताले भी लटके रहे। हड़ताल के दूसरे दिन भी नकदी के अभाव में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा रविवार को साप्ताहिक अवकाश भी है। इस प्रकार लगातार तीन दिनों तक बैंक व एटीएम बंद रहने से लोगों को परेशानियां और भी बढ़ने की संभावना है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी उपभोक्ताओं को उठानी पड़ी। हड़ताल के कारण करोड़ो रुपये का लेन देन भी ठप पड़ा है। एसबीआई, पीएनबी समेत सभी सरकारी बैंक के कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। सुबह ही लोग अपनी लेन देने के लिए बैंकों के सामने खड़े दिखाई दिए। लेकिन काम न होने के कारण मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। बैंक कर्मचारियों ने शहर के कई जगह पर रोष प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ पंजाब नैशनल बैंक के आगे बैठकर नारेबाजी की। हड़ताल के कारण दूसरे दिन कई एटीएम रहे बंद
हड़ताल के कारण एटीएम पर भी ताले लटके रहे। वहीं कहीं जगह एटीएम को कैश खत्म दिखाई दिया। एटीएम का कैश खत्म होने से लोग इधर उधर भटकते दिखाई दिए। पंजाब नेशनल, व स्टेट बैंक आफ इंडिया का एटीएम बंद थे वहीं कई एटीएम में पैसे नहीं मिले। वहीं, दूसरी ओर सरकारी बैंकों के एटीएम सुने पड़े रहे क्योंकि एटीएम मशीनों में पैसे ही नहीं थे। जबकि प्राइवेट बैंकों के एटीएम पर लोगों का ताता लगा रहा। छोटे दुकानदारों व आम जनता को पैसे का लेनदेन न होने के कारण काफी असुविधा हुई।
एटीएम में नहीं है कैश
उपभोक्ता कृष्ण ने बताया कि वह बैंक में पैसे लेने के लिए आया था। उन्होंने कोई जरूरी काम था। लेकिन बैंक बंद होने के कारण उनको पैसे नहीं मिले है। एटीएम में भी कैश नहीं है। कल भी बैंक में आया था कल भी हड़ताल के कारण वापस जाना पड़ा। कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के लिए आंदोलन जारी रहेगा
बैंक कर्मचारी यूनियन के जिला सचिव कृष्ण मिगलानी ने कहा कि बैंक कर्मचारियों को वेतन वृद्धि कराने के लिए आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ता है। बैंक कर्मचारियों को आंदोलन के दौरान होने वाली वेतन कटौती में ही हजारों रुपयों का नुकसान झेलना पड़ता है। लेकिन इसकी तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। केंद्र सरकार बैंक कर्मियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। इससे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। वेतन में वृद्धि करने, सप्ताह में मात्र पांच दिन बैंक खुले रखने, बैंकों में रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती करने, बैंकों का विलय व आउटसोर्सिग न करने आदि मांगों को पूरा किया जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर जिला सचिव कुलदीप धारीवाल, धर्मपाल ढुल, रामदास, शशि मंगला, अमित कुमार, ऋतु रानी उपस्थित रहे। 200 करोड़ की लेने देने प्रभावित
एसोसिएशन के सह सचिव प्रवेश मोर ने बताया कि जिला में 36 बैंक है। इनमें 23 सरकारी बैंक है। 201 ब्रांच है। इनमें एक दिन में 150 से 200 करोड़ का लेने देने होती है। जो अब प्रभावित हो रही है। सरकार द्वारा मांगों को पूरा किया जाना चाहिए। बैंकों की हड़ताल के चलते कामकाज हुआ प्रभावित
संस, सीवन: सरकारी बैंकों की हड़ताल के दूसरे दिन भी लोगों व व्यापारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सीवन में तीन सरकारी व एक प्राइवेट बैंक है। एक प्राइवेट बैंक एचडीएफसी खुला रहा व वहां पर रोजाना की तरह कामकाज होता रहा। बैंकों की हड़ताल के चलते हुए लेनदेन बहुत प्रभावित हुआ। दो फरवरी को रविवार होने के कारण बैंक तीन दिनों तक बंद रहेंगे।