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संजीवनी बनी आयुष्मान भारत योजना, इलाज पर खर्च हुआ 13.30 करोड़

वर्ष 2017 में भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। इस योजना के तहत जिले भर से 10 हजार 214 लोग लाभ ले चुके हैं। इनके इलाज पर 13 करोड़ 30 लाख 60 हजार

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 06:57 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 06:57 AM (IST)
संजीवनी बनी आयुष्मान भारत योजना,  इलाज पर खर्च हुआ 13.30 करोड़
संजीवनी बनी आयुष्मान भारत योजना, इलाज पर खर्च हुआ 13.30 करोड़

सुरेंद्र सैनी, कैथल : वर्ष 2017 में भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। इस योजना के तहत जिले भर से 10 हजार 214 लोग लाभ ले चुके हैं। इनके इलाज पर 13 करोड़ 30 लाख 60 हजार 850 रुपये की राशि खर्च हुई है। योजना में शामिल हार्ट, किड़नी, कैंसर, डायलिसिस, पथरी सहित विभिन्न बीमारियों का इलाज लोग ले सकते हैं।

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योजना का लाभ ले चुके लोगों का कहना है कि अगर सरकार इस तरह की योजना शुरू नहीं करती तो शायद बीमारी का इलाज नहीं हो पाता। योजना के तहत इलाज मिलने के बाद अब जिदगी दोबारा से पटरी पर लौट आई है। एक लाख 44 हजार 198 लोगों के गोल्डन कार्ड अब तक बन चुके हैं। 48 हजार 113 परिवार ऐसे हैं, जिनके सदस्यों के यह कार्ड बन चुके हैं।

जिले के सात निजी अस्पताल पैनल पर

भारत सरकार की तरफ से जब योजना की शुरूआत की गई तो उस समय जिला सिविल अस्पताल सहित दो निजी अस्पताल शाह और सिग्नस ही पैनल पर थे। दोनों अस्पतालों में सुविधाओं बेहतर होने के योजना के तहत इलाज लेने के लिए मरीजों की संख्या भी ज्यादा रहती है। अब इस योजना से शहर के निजी अस्पताल जयपुर मल्टी स्पेशलिटी, हड्डी रोग विशेषज्ञ जैन अस्पताल, गणपति, अस्पताल, अंबाला रोड पर स्थित मित्तल अस्पताल, कंसल अस्पताल भी योजना से जुड़ चुके हैं। अब इन अस्पतालों में भी जरूरतमंद परिवारों के लोग योजना के तहत निश्शुल्क इलाज ले रहे हैं। अब लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज को लेकर रोहतक, चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि जिला स्तर पर ही इस योजना के तहत निशुल्क इलाज मिल रहा है।

सरपंच की वेरिफिकेशन से बन सकेंगे गोल्डन कार्ड

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 79 हजार 121 परिवारों को योजना के लिए पात्र माना गया है। इस तरह से करीब साढ़े तीन लाख परिवारों के सदस्य योजना का लाभ ले सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी गोल्डन कार्ड बन रहे हैं। अब गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए सिविल सर्जन ही नहीं बल्कि गांव के सरपंच, वार्डों के पार्षद भी आवेदन की वेरिफिकेशन कर सकेंगे। जिले के सभी सरकारी अस्पताल, पैनल पर लिए गए निजी अस्पतालों में गोल्डन कार्ड बन रहे हैं।

योजना के तहत इलाज करवा मिला नया जीवन : कमला देवी

नरवाना के लोन गांव निवासी कमला ने बताया कि घुटनों में दर्द होने के कारण चलना भी मुश्किल हो रहा था। गरीब के कारण इलाज पर हो खर्च होना था उसे देने में परिवार असमर्थ था। किसी ने आयुष्मान भारत योजना के बारे में बताया तो जानकारी लेने पर इलाज के लिए आवेदन किया। कैथल के सिविल अस्पताल में इस योजन के तहत तीन माह पहले इलाज करवाया था। एक भी पैसा नहीं लगा। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।

गरीबों के लिए अच्छी योजना

महिला संदीप कौर ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज लिया था। अब पूरी तरह से स्वस्थ है। गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के लिए सरकार ने यह अच्छी योजना शुरू की हुई है।

योजना बहुत ही फायदेमंद है

आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डा. संदीप जैन ने बताया कि गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के लिए योजना बहुत ही फायदेमंद है। विभाग की तरफ से लोगों को इस योजना का लाभ लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अब तक एक लाख 44 हजार 198 गोल्डन कार्ड बन चुके हैं और दस हजार 214 लोग लाभ ले चुके हैं। जिनके इलाज पर 13 करोड़, 30 लाख 60 हजार 850 रुपये खर्च हो चुके हैं। जिले के सात निजी अस्पताल योजना से जुड़ गए हैं।


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