पंचतत्व में विलीन हुए सैनिक राजेश, शहीद का दर्जा मिला
भागल गांव का 23 वर्षीय राजेश पूनिया जम्मू कश्मीर के द्रास व कारगिल के बीच काकसर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। वे 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात थे। मौसम खराब होने की वजह से पैर फिसलने के कारण वे 1300 फीट गहरी खाई में नीचे गिरने से मौत हो गई। सोमवार को उनका शव राजकीय सम्मान के साथ गांव में लाया गया। शाम को करीब पांच बजकर 10 मिनट पर शहीद का शव घर पहुंचा। जहां पिता भाग चंद व मां कृष्णा देवी ने अपने लाल को सेल्यूट किया। यहां से भारत माता की जय, शहीद राजेश अमर रहे के जयकारे लगाते हुए सेना, पुलिस के जवान व ग्रामीण शमशान घाट पहुंचे।
जागरण संवाददाता, कैथल :
भागल गांव का 23 वर्षीय राजेश पूनिया जम्मू कश्मीर के द्रास व कारगिल के बीच काकसर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। वे 18 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात थे। मौसम खराब होने की वजह से पैर फिसलने के कारण वे 1300 फीट गहरी खाई में नीचे गिरने से मौत हो गई। सोमवार को उनका शव राजकीय सम्मान के साथ गांव में लाया गया। शाम को करीब पांच बजकर 10 मिनट पर शहीद का शव घर पहुंचा। जहां पिता भाग चंद व मां कृष्णा देवी ने अपने लाल को सेल्यूट किया। यहां से भारत माता की जय, शहीद राजेश अमर रहे के जयकारे लगाते हुए सेना, पुलिस के जवान व ग्रामीण शमशान घाट पहुंचे। जहां सेना के नायब सूबेदार भूप ¨सह ने सबसे पहले शहीद को पुष्पचक्र अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। इसके बाद परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को नमन किया। विधायक कुलवंत बाजीगर, डीसी सुनीता वर्मा, एसपी आस्था मोदी व भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर ने शहीद को नमन किया। शहीद राजेश के अंतिम दर्शन को लेकर न केवल गांव भागल से बल्कि पिहोवा, गुहला-चीका, कैथल, जींद व पटियाला से करीब 30 से 35 हजार लोग पहुंचे। गांव की छतों पर महिलाएं, बच्चे व ग्रामीण चढ़े हुए थे। यहां तक की लोगों को जहां जगह मिली, वहीं से शहीद राजेश को नमन किया।
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50 लाख रुपये आर्थिक सहायता, एक सदस्य को नौकरी
परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने शहीद के माता-पिता को सांत्वना देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार इस दुखी की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी रहेगी। शहीद की मां के पैर छूते हुए कहा कि ऐसे लाल को पैदा करने वाली मां पर हमें गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि सेना ने शहीद को दर्जा दिया है तो हरियाणा सरकार ने भी शहीद का दर्जा देते हुए परिवार को 50 लाख रुपये व एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। कहा कि अब तक प्रदेश सरकार ने आजादी के बाद हुए युद्धों तथा देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए आतंकवादियों से मुठभेड़ में वीर गति को प्राप्त होने वाले हरियाणा के 222 शहीदों के आश्रितों को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियां दी गई। ऐसे वीर शहीदों के पराक्रम व बलिदान पर हमें गर्व है तथा ऐसे रण बांकुरों के साहस व हिम्मत के आगे हम सभी नतमस्तक होकर शीश झुकाते हैं। ऐसे योद्धाओं का बलिदान का इतिहास भावी पीढि़यों को भी हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
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छह राज राइफल के शहीद राजेश कुमार का शव तिरंगे में लिपटे हुए गांव में पहुंचा। गांव में तैनात पुलिस चौकी पर हजारों की संख्या में खड़े लोगों ने शहीद राजेश अमर रहे के नारे लगाते हुए नमन किया। इसके बाद गांव की गलियों से होते हुए पार्थिव शरीर घर लाया गया। जहां माता-पिता, भाई व परिवार के अन्य लोगों ने अंतिम दर्शन किए। सुबह से ही गांव का पूरा बाजार बंद रहा। सेना एवं पुलिस की टुकड़ी द्वारा शहीद को गार्ड आफ ऑनर दिया गया।