Move to Jagran APP

गांव पाई की गलियां बनी तालाब, निकासी की समस्या ज्यों की त्यों

गांव पाई की गिनती आबादी और मतदाताओं के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े गांव में की जाती है। पूर्व में यह विधानसभा क्षेत्र भी रहा है लेकिन आजतक भी गांव का सुधार नहीं हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 10:50 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 06:35 AM (IST)
गांव पाई की गलियां बनी तालाब, निकासी की समस्या ज्यों की त्यों
गांव पाई की गलियां बनी तालाब, निकासी की समस्या ज्यों की त्यों

संवाद सहयोगी, पाई : गांव पाई की गिनती आबादी और मतदाताओं के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े गांव में की जाती है। पूर्व में यह विधानसभा क्षेत्र भी रहा है, लेकिन आजतक भी गांव का सुधार नहीं हो सकता है। भाजपा को समर्थन दे रहे पूंडरी से निर्दलीय विधायक प्रो. दिनेश कौशिक ने गांव को गोद लिया हुआ है, लेकिन उसके बावजूद भी गांव में पानी निकासी की समस्या की ज्यों की त्यों बनी हुई है।

loksabha election banner

कितनी ही सरकारें आई और चली गई, लेकिन गांव में पानी की निकासी की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। गांव के तालाब भी खचाखच हैं और गंदगी से भरे हैं। लगभग सभी गलियों में गंदा पानी बह रहा है। इनकी निकासी का भी कोई व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि उनका जीवन नर्क बन गया है। घर पर रिश्तेदार और दोस्त आने से पहले कई बार पूछते हैं कि गली में पानी अभी भी भरा है या सूख गया। हालात ये हैं कि कोई रिश्तेदार भी घर नहीं आना चाहता है।

सांत्वना ही देते रहे हैं विधायक

ग्रामीणों का कहना है कि विधायक सांत्वना देते रहे हैं। उन्होंने कई बार कहा कि जल्द ही तालाबों के पानी की निकासी पूंडरी की तरफ जाने वाली ड्रेन में की जाएगी। इसके लिए ग्रांट मंजूर हो गई है और टेंडर भी हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद काम शुरू नहीं हो पाया है।

पांच साल से टरका रहे विधायक

ग्रामीण महावीर ढुल ने कहा कि पांच साल से विधायक ग्रामीणों का बेवकूफ बना रहे हैं। हर बार कभी ग्रांट मंजूर होने, कभी राशि आने तो कभी टेंडर जारी होने का आश्वासन देकर टरकाते रहे हैं। हालात ये हैं कि ग्रामीणों का जीना दुभर हो गया है।

स्कूल बच्चों का गलियों से निकलना मुश्किल

ग्रामीण डीसी ढुल ने बताया कि युवा और बुजुर्ग तो तालाब बनी इन गलियों में से निकलने के आदी हो गए हैं, लेकिन महिलाओं और स्कूली बच्चों को हर रोज परेशानी का सामना करना पड़ता है। बरसात के समय में तो यहां से निकलना खतरे से खाली नहीं होता है।

सीवर कार्य के बाद बनवाई जाएगी गलियां

सरपंच धर्मवीर ने कहा कि पूरे गांव में सीवरेज डाले जाने हैं। सीवरेज के कार्य के चलते ज्यादा परेशानी हो रही है। सीवरेज का कार्य पूरा होते ही गांव की गलियां नई बनवा दी जाएंगी। इसी तरह तालाबों के पानी की निकासी की भी व्यवस्था की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.