Move to Jagran APP

जमीन नगर परिषद की, तहसील ने कर दी किसी और के नाम रजिस्ट्री

फर्जी एसेसमेंट के सहारे तहसील कार्यालय की ओर से दो रजिस्ट्रियां की गई हैं। जांच में सामने आया है कि दोनों जगह नगर परिषद के नाम हैं लेकिन तहसील में इनकी रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 09:36 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 09:36 AM (IST)
जमीन नगर परिषद की, तहसील ने  कर दी किसी और के नाम रजिस्ट्री
जमीन नगर परिषद की, तहसील ने कर दी किसी और के नाम रजिस्ट्री

जागरण संवाददाता, कैथल : फर्जी एसेसमेंट के सहारे तहसील कार्यालय की ओर से दो रजिस्ट्रियां की गई हैं। जांच में सामने आया है कि दोनों जगह नगर परिषद के नाम हैं, लेकिन तहसील में इनकी रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी गई। अब इन्हें रद्द करने के लिए नप की ओर से तहसीलदार को भी पत्र लिखा गया है। बिना किसी जांच के ही रजिस्ट्री की गई हैं, जिस कारण तहसील कार्यालय के कर्मचारी भी सवालों के घेरे में आए हुए हैं। जिस एसेसमेंट के आधार पर रजिस्ट्री हुई है तहसील कार्यालय की ओर से उसकी जांच करना भी उचित नहीं समझा गया।

loksabha election banner

इस मामले में शिकायतकर्ता जगरूप ने आरोप लगाया है कि तहसील कार्यालय के कर्मचारियों के सहयोग से ही फर्जी रजिस्ट्री हुई है। मिलीभगत से नप की लाखों रुपये की जमीन दूसरे के नाम की गई है।

नप ने पत्र में लिखा है कि रजिस्ट्री नंबर 6857 जो 12 दिसंबर 2018 को हुई थी। रजिस्ट्री नंबर 9439 तो 29 जनवरी 2020 को हुई थी। ये रजिस्ट्रियां जिस जमीन पर की गई हैं, वह नप के गृह कर रिकार्ड के अनुसार नप की मलकीयत है। ऐसा होने से नगर परिषद की संपत्ति को हानि हो रही है। इस मामले का पता चलता ही तहसील में हड़कंप मच गया।

हालांकि डीसी सुजान सिंह ने अभी तक ऐसी कोई शिकायत प्राप्त होने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा, बिना कागज देखे ऐसे मैटर पर कुछ भी कहना सही नहीं है। शिकायत प्राप्त हो जाए, फिर देखते हैं क्या मामला है।

नहीं ली गई एनओसी

एसेसमेंट के आधार पर रजिस्ट्री करने से पहले नप से एनओसी लेनी होती है जो नहीं ली गई है। वहीं इस मामले में तहसील कार्यालय की ओर से जांच शुरू कर दी गई है। अब अकेली एसेसमेंट पर रजिस्ट्री नहीं होगी। इसके साथ पटवारी की रिपोर्ट, एनओसी और अन्य कागजात भी लगाने होंगे। रजिस्ट्री छात्रावास रोड के पास 137 गज की रजिस्ट्री साल 2018 में की गई है। गीता भवन मंदिर के पास 143 गज की रजिस्ट्री जनवरी 2020 में की गई है।

फर्जी असेसमेंट की जांच भी होगी

जिस एसेसमेंट से रजिस्ट्री की गई है वह फर्जी है। नगर परिषद की ओर से भी इस बात की जांच की जाएगी कि फर्जी एसेसमेंट आई कहां से है। जांच के लिए नप की ओर से टीम का गठन भी किया जाएगा।

वर्जन : मामले की जांच की जाएगी

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि नप के रिकॉर्ड के अनुसार जिस जगह की रजिस्ट्री हुई है वह नप के नाम ही है। रजिस्ट्री रद करने के लिए तहसीलदार को पत्र लिखा हुआ है। फर्जी एसेसमेंट कहां से आई है इस मामले की भी जांच की जाएगी।

तहसीलदार सुदेश मेहरा ने बताया कि फर्जी एसेसमेंट से रजिस्ट्री का मामला उनके संज्ञान में है। इस मामले की जांच की जा रही है। जो भी नियमानुसार कार्रवाई होगी वह की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.