लैब एलटी ने महिला मरीज को थमा दी डेंगू की फर्जी रिपोर्ट
शहर के निजी अनाया अस्पताल के लैब एलटी ने कार्ड टेस्ट कर एक महिला मरीज को डेंगू की फर्जी रिपोर्ट थमा दी। परिजनों ने यहां से महिला को जब करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में दाखिल करवाया तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया। वहां चिकित्सकों ने न तो महिला के फेफड़ों में कमी और न ही डेंगू रिपोर्ट पोजीटिव बताया।
जागरण संवाददाता, कैथल :
शहर के निजी अनाया अस्पताल के लैब एलटी ने कार्ड टेस्ट कर एक महिला मरीज को डेंगू की फर्जी रिपोर्ट थमा दी। परिजनों ने यहां से महिला को जब करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में दाखिल करवाया तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया। वहां चिकित्सकों ने न तो महिला के फेफड़ों में कमी और न ही डेंगू रिपोर्ट पोजीटिव बताया। इसके बाद परिजनों ने सीएम विडो पर अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी। मामला संज्ञान में आने के बाद सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र नैन ने जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. नीरज मंगला की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया।
सोमवार को टीम ने अस्पताल में छापा मारा तो यहां डेंगू व चिकनगुनिया की कार्ड टेस्ट किट बरामद हुई, जिसे सील कर दिया गया। इसके बाद अस्पताल संचालक व चिकित्सक से बातचीत की तो और भी हैरानी सामने आई कि एलटी ने जो कार्ड टेस्ट किया वह चिकित्सक ने लिखा ही नहीं था। चिकित्सक को बिना बताए ही एलटी बलविद्र ने नियमों को ताक पर रखते हुए मरीज को फर्जी रिपोर्ट थमा दी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को नोटिस थमाते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।
सीएम विडो पर ये दी थी शिकायत
पंजाब बाग कालोनी के साजन कुमार ने बताया कि आठ सितंबर को उसने अपनी मां की तबीयत बिगड़ने पर करनाल रोड पर स्थित अनाया अस्पताल में दाखिल करवाया था। यहां खून के सैंपल लिए गए और रिपोर्ट आने पर बताया गया कि फेफड़ों में कमी है और प्लेट्लेट की जरूरत है। आपकी मां को डेंगू भी है। इतना सुनते ही उसने अस्पताल स्टाफ को उसकी मांग को डिस्चार्ज करने की बात कही। बार-बार कहने के बाद अस्पताल स्टाफ ने फाइल पर उसके हस्ताक्षर करवाते हुए छुट्टी दे दी। इसके बाद वह अपनी मां को करनाल के कल्पना चावला अस्पताल लेकर गया। वहां चिकित्सकों ने दाखिल करते हुए एक्स-रे व खून के सैंपल लेते हुए जांच की तो न तो फेफड़ों में कोई कमी मिली और न ही डेंगू पोजिटिव पाया गया। इसके बाद कैथल आकर सीएम विडो पर अस्पताल के खिलाफ शिकायत दी।
लैब में कम्पयूटर पर गेम
खेलते हुए मिले कर्मचारी
शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब अस्पताल में छापा मारा तो यहां स्थित कम्पयूटर राइस गिल लैब में तीन कर्मचारी कम्प्यूटर पर गेम खेलते नजर आए। टीम इंचार्ज ने कहा कि जब लैब में इस तरह से कर्मचारी गेम खेलते मिलेंगे तो कैसे रिपोर्ट यहां मरीजों को दी जाती होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
एलटी ने अपनी मर्जी से रिपोर्ट दी
अस्पताल में महिला इलाज के लिए आई थी। उन्होंने डेंगू की जांच के लिए कोई टेस्ट नहीं लिखा था, एलटी ने अपनी मर्जी से ही कार्ड टेस्ट करते हुए रिपोर्ट दी है। यह उनकी जानकारी में नहीं था।
डॉ. एसके अहमद, अनाया अस्पताल।
अस्पताल के नियमों को ताक पर रखते हुए एलटी ने चिकित्सक की बिना जानकारी के कार्ड टेस्ट करते हुए रिपोर्ट दी है। एलटी ने अपनी गलत मानते हुए स्वास्थ्य विभाग को लिखित में माफीनामा दिया है।
-संदीप कुमार, अस्पताल संचालक।
मरीज को डेंगू की फर्जी रिपोर्ट देने के मामले में परिजनों ने सीएम विडो पर शिकायत दी थी। मामला संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारते हुए कार्ड किट को बरामद कर लिया है। अस्पताल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। चिकनगुनिया व डेंगू का कार्ड टेस्ट करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। एलाइजा टेस्ट सरकारी अस्पताल में होता है। किसी निजी अस्पताल के पास एलाइजा मशीन है तो वे 600 रुपये लेकर टेस्ट कर सकते हैं, लेकिन पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी होती है। इसके बाद विभाग दोबारा से मरीज के सैंपल लेकर पुष्टि के लिए टेस्ट करवाता है।
-डॉ. नीरज मंगला, जिला मलेरिया अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, कैथल।