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किठाना गांव में जल निकासी की समस्या

किठाना गांव में समस्याओं का अंबार लगा है। गांव को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। गांव में सबसे विकट समस्या पानी की निकासी न होना है। इसके साथ ही यहां पर पीने का पानी भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। गांव की महिलाओं को सिर पर मटके रखकर दूर दराज के क्षेत्रों से पानी लाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 09:38 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:38 AM (IST)
किठाना गांव में जल निकासी की समस्या
किठाना गांव में जल निकासी की समस्या

जागरण संवाददाता, कैथल :

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किठाना गांव में समस्याओं का अंबार लगा है। गांव को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। गांव में सबसे विकट समस्या पानी की निकासी न होना है। इसके साथ ही यहां पर पीने का पानी भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। गांव की महिलाओं को सिर पर मटके रखकर दूर दराज के क्षेत्रों से पानी लाना पड़ रहा है।

गांव में नालियों की सफाई न होने के कारण पीलिया, डायरिया व मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। गांव में खेल स्टेडियम न होने के कारण बच्चों को सड़कों पर दौड़ लगाने को मजबूर होना पड़ता है।

लोगों का कहना है कि गांव की समस्याओं के बारे में कई बार प्रशासन को शिकायत दे चुके है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। सरपंच बबीता कुमारी ने बताया कि गांव में सरकार के साथ मिलकर विकास कार्य कराए जा रहे हैं।

विकास कार्य के लिए कुछ राशि आई थी उसका प्रयोग विकास कार्यो में कर लिया गया है। गांव में मूलभूत सुविधाएं पूरी कराने की तरफ विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पानी निकासी की समस्या की सरकार के पास भेजी गई है जल्द समाधान करवा दिया जाएगा। वहीं नशे के खिलाफ भी एक टीम बनाई गई है ताकि गांवों में नशीला पदार्थ न बिक सके।

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यह है गांव का इतिहास

किठाना गांव का इतिहास महाभारतकालीन हैं। ग्रामीणों ने अनुसार गांव में यक्ष का जो मंदिर है उसकी काफी मान्यता है। गांव में स्वामी सीता राम का ऐतिहासिक मंदिर जहां ग्रामीण पूजा अर्चना करते हैं। गांव की आबादी 15 हजार के करीब है। 6700 मतदाता हैं, 60 प्रतिशत जनसंख्या साक्षर हैं।

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पेयजल किल्लत से आती है दिक्कत

ग्रामीण प्रहलाद ने बताया कि गांव में पीने का पानी नहीं मिल रहा है। महिलाओं को सुबह दूरदराज के क्षेत्र से पानी लाना पड़ता है। कई बार तो महिलाओं को मटके सिर पर रखकर खेतों काी और निकलना पड़ता है। जहां फसल की सिचाई के लिए ट्यूबवेल लगे हैं, वहां से पानी लेकर आती है। इसकी शिकायत कई बार प्रशासन को कर चुके है लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। उसने सरकार से मांग की है कि गांव में पानी की समस्या से निपटारा दिलवाया जाना चाहिए।

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गलियों की हो सफाई

ग्रामीण संदीप ने बताया कि गांव में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए है। गलियों की सफाई न होने के कारण बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। ग्राम पंचायत इसका जल्द समाधान करे, समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों के बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बना रहेगा। गंदा पानी की निकासी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है।

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बस स्टैंड का अभाव

ग्रामीण मनीष ने बताया कि गांव में कोई बस स्टैंड की सुविधा नहीं है। बस चालक भी बस स्टैड न होने के कारण बस आगे पीछे रोकते है। विद्यार्थियों व यात्रियों को तेज धूप व ठंड में खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। सरकार को जल्द से जल्द समस्या का समाधान करना चाहिए। ग्रामीण रामबीर ने बताया कि गांव में पानी निकासी की व्यवस्था बिल्कुल ठप हो चुकी है। बारिश के समय में तो गलियों से निकलना दुभर हो जाता है।


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