खरकां स्कूल के ¨प्रसिपल की डीडी पावर जाने के साथ खर्च की जांच भी हुई शुरू
खरकां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के ¨प्रसिपल की डीडी पावर छीनने के साथ ही स्कूल में खर्च किए गए पैसों की जांच भी शुरु हो गई है। विभाग ने जांच के लिए गुहला के खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम ¨सह पूनिया की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है जो स्कूल में खर्च किए पैसों की जांच करेगी।
संवाद सहयोगी, सीवन : खरकां के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के ¨प्रसिपल की डीडी पावर छीनने के साथ ही स्कूल में खर्च किए गए पैसों की जांच भी शुरु हो गई है। विभाग ने जांच के लिए गुहला के खंड शिक्षा अधिकारी प्रेम ¨सह पूनिया की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है जो स्कूल में खर्च किए पैसों की जांच करेगी। जांच प्रभावित न हो इसके लिए स्कूल की डीडी पावर भी सीवन के खंड शिक्षा अधिकारी सुदर्शन शर्मा को दी गई है।
बता दें कि मुख्यमंत्री स्कूल सुंदरीकरण प्रतियोगिता के जिला स्तरीय परिणामों पर तत्कालीन ¨प्रसिपल सतबीर ¨सह ने सवाल उठाए थे। उसके बाद विभाग ने नियमों का हवाला देकर डीडी पावर लेने के साथ ही स्कूल में खर्च किए गए पैसों को लेकर भी जांच शुरू कर दी। हालांकि सुदर्शन शर्मा का कहना है कि यह कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की गई है, बल्कि खंड शिक्षा अधिकारी होने के नाते उन्हें प्रथम ²ष्टि गड़बड़ी की आशंका हुई जिसके बाद कमेटी गठित की गई है। अब कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
55 लाख खर्च के बाद भी मिली खामियां
स्कूल में जनवरी 2017 से 2019 तक लगभग 55 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है। उसके बावजूद प्रागंण में लगाए ब्लॉक की क्वालिटी और जगह जगह पानी भरने की समस्या भी है। खेल मैदान का बुरा हाल है। हल्की बरसात होने के बाद खिलाड़ी कई दिन खेल नहीं पाते हैं। स्कूलों में पेड़ों की बोली व कंडम कमरों की बोली से प्राप्त राशि को सरकारी खजाना में जमा नहीं करवाना भी शंका के दायरे में है।
एक-एक रुपया खर्च किया
तत्कालीन ¨प्रसिपल सतबीर ¨सह का कहना है कि उनके समय जो राशि खर्च की गई है, वह पूरी ईमानदारी के साथ की गई है। पहले ही ऑडिट हो चुका है। सिर्फ पेड़ों की बोली और कमरों की राशि एसएमसी कमेटी के खाते में जमा करा दी गई थी जो स्कूल में ही खर्च की गई है।
उच्चाधिकारियों को सौंप दी जाएगी रिपोर्ट
जांच कमेटी के अध्यक्ष प्रेम ¨सह पूनिया ने कहा कि जांच चल रही है। जांच पूरी होते ही रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दे जाएगी। रिपोर्ट पर कार्रवाई उच्चाधिकारियों ने ही करनी है।