प्राचीन धरोहरों की कराई जाएगी जीर्णोद्धार : धर्मपाल
हलके की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरें अब नए रूप में नजर आएंगी। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आने वाले स्थलों के साथ-साथ सभ्यता का अंग रही विरासतों का जीर्णोंद्धार होगा। प्राचीन तीर्थों की पहचान को जीवंत करने का बीड़ा कुरुक्षेत्र भूमि पौराणिक भूमि ट्रस्ट ने उठाया है।
संवाद सहयोगी, कलायत : हलके की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरें अब नए रूप में नजर आएंगी। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आने वाले स्थलों के साथ-साथ सभ्यता का अंग रही विरासतों का जीर्णोंद्धार होगा। प्राचीन तीर्थों की पहचान को जीवंत करने का बीड़ा कुरुक्षेत्र भूमि पौराणिक भूमि ट्रस्ट ने उठाया है।
इसके लिए मटौर गांव में स्थित श्री कसाण तीर्थ पर भाजपा प्रांतीय उपाध्यक्ष धर्मपाल शर्मा की अध्यक्षता में योजना तैयार की गई। कार्यक्रम की शुरूआत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण के साथ हुई। कार्यक्रम में मुख्य रुप से श्री कसाण तीर्थ के मुख्य महंत कौल दास, श्री कपिल मुनि धाम के पुजारी कृष्ण गौतम और ट्रस्ट प्रधान राधे श्याम भट्ट ने शिरकत की।
राधेश्याम भट्ट ने क्रमवार कुरुक्षेत्र भूमि की 48 कोस परिधि में आने वाले कलायत के स्थलों का उल्लेख किया। इसमें स्पष्ट हुआ कि तीर्थों को विकसित करने की दरकार है। इसके लिए शासन, प्रशासन और आम जन के तालमेल से सांझा मिशन चलाने का निर्णय लिया गया। धरोहरों के प्रति लोगों के जज्बे को देखते हुए धर्मपाल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी सभ्यता को विकसित करने के पक्षधर रहे हैं।
इसके तहत 28 करोड़ रुपये से अधिक के बजट स्वीकार किया गया है। इस बजट से विरासत को चार चांद लगेंगे। इसके साथ ही जो धरोहरें कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में नहीं है उनका सामुदायिक सहयोग से कायाकल्प किया जाएगा। ताकि सभ्यता से जुड़े हर पहलु से आने वाली पीढ़ी निरंतर रूबरू रहे।
चितन-मंथन बैठक में सिलसिलेवार सभी ने अपनी राय रखी। इसके मद्देनजर संबंधित क्षेत्रों के तमाम धार्मिक स्थलों विलुप्त होने से बचाने के लिए प्रबंधन कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। इसमें संबंधित इलाके के लोगों के साथ-साथ धामिक स्थलों के संरक्षकों को शामिल किया जाएगा इस मौके पर सरपंच पिरथी सिंह, भाजपा जिला महामंत्री रामपाल राणा, बीडी बंसल, राममेहर शर्मा, राजेश बिढाण, डॉ. बैशाखी जेष्ट, सतीश धीमान, राजीव राजपूत, काकू यादव, कुलविद्र राणा, ललीत शर्मा, अशोक सेरधा, राजकुमार ब्राह्मणीवाला, महीपाल राणा मौजूद थे।
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