जेबीटी शिक्षकों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, डीईओ को सौंपा जवाब
शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डिप्टी डीईओ को जवाब सौंपा। साथ ही उन्होंने नौकरी से नहीं हटाने की अपील करते हुए राष्ट्रपति से सामूहिक इच् ...और पढ़ें

जेएनएन, कैथल। शिक्षा विभाग ने लोअर मेरिट के आधार पर प्रदेश के नवनियुक्त 1259 जेबीटी को नौकरी से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत सभी को 6 जून को नोटिस दिए गए थे और नौ जून तक नोटिस का जवाब मांगा है। कैथल में भी नियुक्ति पा चुके 65 जेबीटी को नोटिस मिले थे। इन शिक्षकों ने बुधवार को सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना जवाब डिप्टी डीईओ को सौंप दिया है। साथ ही उन्होंने नौकरी से नहीं हटाने की अपील करते हुए राष्ट्रपति से सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग की है।
जेबीटी शिक्षक संतोष सिरोही, प्रवीण देवी, अशोक शास्त्री, मजेंद्र ङ्क्षसह, विजेंद्र धारीवाल, ऋषि नैन, इंद्रकला, नरेंद्र रसीना, अनीता कुमारी ने बताया कि वे सभी लोग नियुक्ति पत्र मिलने से पहले कहीं न कहीं नौकरी कर रहे थे। वहां से त्यागपत्र देने के बाद ही शिक्षा विभाग में ज्वाइन किया था। अब उनको अयोग्य घोषित करके बाहर किया जा रहा है जो कि गल है।
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जेबीटी के साथ गलत कर रही सरकार
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि सरकार जेबीटी के साथ गलत कर रही है। सरकार को नियुक्ति पत्र पा चुके सभी जेबीटी को तुरंत प्रभाव से स्कूल अलॉट करने के निर्देश जारी करने चाहिए, वहीं सरकार इनको नोटिस थमा रही है। उन्होंने कहा कि संघ पूरी तरह से इनके साथ है जो भी फैसला नव चयनित जेबीटी करेंगे वे उसका समर्थन करेंगे।
उप जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने कहा कि मांगों का ज्ञापन व नोटिस का जवाब उनको मिला है। इसको तुरंत प्रभाव से शिक्षा निदेशालय के निदेशक को भिजवा दिया जाएगा।
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