जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल बने एचएसजीपीसी के अध्यक्ष
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर वीरवार को मतदान संपन्न हुआ। इसमें जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ग्रुप के उम्मीदवार जसवीर सिंह खालसा को दो वोट से हराकर जीत दर्ज की।
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका, (कैथल) : हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर वीरवार को मतदान संपन्न हुआ। इसमें जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ग्रुप के उम्मीदवार जसवीर सिंह खालसा को दो वोट से हराकर जीत दर्ज की। दादूवाल को कुल 19 और जसवीर सिंह को 17 वोट मिले। चुनाव में मतदान ठीक 10 बजे शुरू हो गया। एसडीएम गुहला शशि वसुंधरा, एसडीएम कैथल संजय कुमार, डयूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार गुहला प्रदीप कुमार और नायब तहसीलदार गुहला वीरेंद्र शर्मा ने पोलिग बूथ का जायजा लिया।
हालांकि बीच-बीच में मतदान कई बार रूका। सबसे पहले एक महिला वोटर राणा भट्टी को वोट करने से रोका गया। इसके बाद स्वर्ण सिंह रतिया को भी वोट डालने से रोका। हालांकि बाद में महिला वोटर का वोट पोल करवा दिया गया, लेकिन बाकि अन्य सात वोट पोल नहीं होने दिये।
उम्मीदवार जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने सरकार और प्रशासन से अपील करते हुए चुनाव अधिकारी दर्शन सिंह बराड़ी पर एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए दूसरे दल को वोट करवाने के आरोप लगाया।
इस बारे में लिखित में एसडीएम गुहला को शिकायत भी दी। कहा कि कुल पांच सदस्य ऐसे हैं, जिन्हें वोट करने का अधिकार नहीं है, लेकिन उनकी वोट चुनाव अधिकारी द्वारा पोल करवा दी गई है जबकि उनके पक्ष में आए 19 सदस्यों में से सात सदस्यों की वोट पोल होने से रोकी जा रही है। एसडीएम शशि वसुंधरा और एसडीएम कैथल संजय कुमार ने इस दौरान बड़ी सूझ-बुझ के साथ चुनाव को संपन्न करवाया।
एचएसजीपीसी में कोई गुटबाजी नहीं
बलजीत सिंह ने दादूवाल ने जीत के बाद कहा कि बतौर जत्थेदार उन्हें जो जिम्मेदारी दमदमा टकसाल गुरुद्वारा साहिब को लेकर सरबत खालसा द्वारा दी गई थी, अब प्रदेश स्तरीय इस छोटी जिम्मेदारी को संभालना चाहते हैं। वहां पर किसी भी अन्य साथी को उनके स्थान पर पद नियुक्त किया जाता है तो वे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने सरकारी तंत्र को चुनाव संपन्न करवाए जाने पर सरकार व प्रशासन का आभार प्रकट किया। मीडिया सहित उन सभी लोगों का भी आभार प्रकट किया, जिन्होंने चुनाव में अहम भागीदारी निभाई।
उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारी द्वारा 36 वोट पोल करवाई गई हैं, जिनको हम 32 वोट ही मानते हैं, क्योंकि इनमें से पांच वोटों पर उन्हें ऐतराज है। दादूवाल ने 13 तारीख को शुभ मानते हुए कहा कि वह 13 जुलाई को कार्यकारी प्रधान बने थे तथा 13 अगस्त को ही प्रधान पद के लिए जीत हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि एचएसजीपीसी में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है। हम सभी साथ होकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की लड़ाई लड़ेंगे।
स्वर्ण सिंह रतिया की रही अहम भूमिका
इस चुनाव में बतौर तीसरे उम्मीदवार मैदान में डटे रहे स्वर्ण सिंह रतिया द्वारा चुनाव से दो दिन पहले दादूवाल को समर्थन किए जाना चुनाव में एक नया मोड़ ले आया ओर उसका सीधा फायदा आज दादूवाल को मिला भी।