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प्रदेश में 350 नहरी पटवारियों को सिचाई विभाग ने दी संजीवनी

हरियाणा प्रदेश में 12 वर्ष से डीसी रेट पर सेवाएं दे रहे 350 नहरी पटवारियों को भाजपा सरकार ने अपने दूसरे सत्ता काल में बड़ी राहत प्रदान की है। सिचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ वीरेंद्र सिंह द्वारा हरियाणा के सभी अधीक्षक अभियंताओं को इस संदर्भ में पत्र क्रमांक 1954-77/ए1/एनजीई-111/2019 के तहत निर्देश जारी किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:16 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:16 AM (IST)
प्रदेश में 350 नहरी पटवारियों को  सिचाई विभाग ने दी संजीवनी
प्रदेश में 350 नहरी पटवारियों को सिचाई विभाग ने दी संजीवनी

डॉ. राजेंद्र छाबड़ा, कलायत : हरियाणा प्रदेश में 12 वर्ष से डीसी रेट पर सेवाएं दे रहे 350 नहरी पटवारियों को भाजपा सरकार ने अपने दूसरे सत्ता काल में बड़ी राहत प्रदान की है। सिचाई एवं जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ वीरेंद्र सिंह द्वारा हरियाणा के सभी अधीक्षक अभियंताओं को इस संदर्भ में पत्र क्रमांक 1954-77/ए1/एनजीई-111/2019 के तहत निर्देश जारी किए हैं। पत्र में प्रदेश में डीसी रेट में 12 वर्ष से सेवाएं दे रहे नहरी पटवारियों को 58 वर्ष की आयु से पहले पद से न हटाने को कहा गया है। लंबे समय से हरियाणा प्रदेश में 350 नहरी पटवारी अपनी सेवाओं को रेगुलर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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अपनी मांग को पूरा करवाने के लिए सिचाई विभाग अधीक्षक अभियंता से इंजीनियर इन चीफ के साथ-साथ राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के नेताओं का दरवाजा वर्ग खटखटाता आ रहा है। सैकड़ों परिवारों की रोटी से जुड़े इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रभावी कदम उठाते हुए चार सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश अपने पहले सत्ताकाल में जारी किए थे।

कमेटी ने पटवारियों की सेवा और विभाग से जुड़े पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रेषित की थी। ताजा घटनाक्रम में जिस प्रकार हरियाणा सिचाई एवं जल संसाधन विभाग और नहरी पटवारी संगठन के बीच महत्वपूर्ण बैठक लंबित विषयों पर हुई उसने मामले को निष्कर्ष पर पहुंचाने का प्रयास किया। इसमें सरकार के निर्धारित मानदंडों को सामने रखते हुए पटवारियों का रोजगार बचाने के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाशा गया है।

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28 वर्ष से बनवास काट रहे हैं डिप्लोमा धारक:

डीसी रेट नहरी पटवारी संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार और सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि वर्ष 1992 में करीब 1600 युवाओं ने नहरी पटवारी का डिप्लोमा किया था। वर्ष 1995 से 1997 तक 427 नहरी पटवारियों की रेगुलर भर्ती सरकार ने की। इसके बाद स्थायी नियुक्ति का अवसर नहरी पटवारी डिप्लोमा धारक बेरोजगारों को नहीं मिला। वर्ष 1997 के बाद सिचाई विभाग में नहरी पटवारियों की रेगुलर नियुक्ति न होने के कारण वर्ष 2008 में डीसी रेट पर करीब 250 नहरी पटवारियों का चयन हुआ। इसके उपरांत डीसी रेट पटवारियों की संख्या में इजाफा करते हुए यह ग्राफ 350 पर पहुंच गया। तभी से यह वर्ग अपनी सेवाएं विभाग को दे रहा है। इनकी एक सूत्रीय मांग सेवाओं को रेगुलर करने की रही है।


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