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मनचले करते परेशान तो फोन करें छात्राएं, होगी कार्रवाई : निर्मला देवी

हमारे आसपास हो रही घटनाओं के प्रति हमें सजग होने की जरूरत है। जब महिलाओं और बच्चियों के साथ सड़क और सार्वजनिक घटनाओं पर छेड़छाड़, अपहरण की घटनाएं होती हैं तो हमे मौन नहीं रहना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Apr 2018 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 29 Apr 2018 10:14 PM (IST)
मनचले करते परेशान तो फोन करें छात्राएं, होगी कार्रवाई : निर्मला देवी
मनचले करते परेशान तो फोन करें छात्राएं, होगी कार्रवाई : निर्मला देवी

हमारे आसपास हो रही घटनाओं के प्रति हमें सजग होने की जरूरत है। जब महिलाओं और बच्चियों के साथ सड़क और सार्वजनिक घटनाओं पर छेड़छाड़, अपहरण की घटनाएं होती हैं तो हमे मौन नहीं रहना चाहिए। जिला के लोग भी पुलिस की आंख, कान, नाक बन सकते हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद कर सकते हैं। पुलिस के साथ साथ यह हमारा भी सामाजिक कर्तव्य भी है। महिला पुलिस का प्रयास है कि किसी भी महिला और लड़की के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसी घटना ना हो। इसके लिए कई कदम भी पुलिस ने उठाए हैं। मनचले रास्ते में परेशान करते हैं तो छात्राएं 1091 पर फोन करें, तुरंत मदद के साथ ही मनचलों पर ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह कहना है महिला थाना एसएचओ निर्मला देवी का। महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर उनसे बातचीत की संवाददाता विक्रम पूनिया ने। पेश है बातचीत के मुख्य अंश।

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सवाल : क्यों बढ़ रही हैं छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं?

जवाब : सड़क और गलियों में छात्राओं और महिलाओं से छेड़छाड़ बहुत गंभीर मामला है। पिछले दिनों उन्होंने कई स्कूलों का दौरा किया तो छात्राओं ने उनके सामने भी शिकायतें रखी थी। इसके अगले ही दिन उन्होंने दुर्गा ऑप्रेशन चलाने का फैसला किया। मनचलों पर लगाम कसने के लिए कुछ स्थानों को चिन्हित करने के साथ ही चालान भी काटे जा रहे हैं, ताकि ऐसी घटनाएं ना हों। स्थानीय लोग और राहगीर भी ऐसी घटनाओं को देखकर अनदेखी ना करें। मदद के लिए हाथ बढ़ाएं।

सवाल : स्कूल, कॉलेज में लगे शिकायत बॉक्स क्यों नहीं किए जा रहे चेक?

जवाब : सभी स्कूल, कॉलेजों में लगे शिकायत बॉक्स की चाबी संबंधित थानों के पास है। बॉक्स की जांच समय समय पर की जानी चाहिए, ताकि शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। संबंधित थानों के एसएचओ से बातचीत कर बॉक्स को चेक करवाया जाएगा।

सवाल : महिला थाना खुलने से हालातों में क्या बदलाव आया?

जवाब : पहले महिलाएं और लड़कियां थानों में जाने से डरती थी। इसके पीछे सामाजिक दबाव भी होता था। महिला थाना खुलने के बाद से महिलाएं और लड़कियां खुलकर अपनी बात रखती हैं। निश्चित रूप से शिकायतें बढ़ी हैं, लेकिन इसका सकारात्मक पहलू भी है कि महिलाएं शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। कैथल महिला थाना का रिकार्ड अब तक अच्छा रहा है। पीड़ित को तुरंत मदद दी जाती है।

सवाल : कुछ मामलों में खाकी पर भी लगे हैं आरोप?

जवाब : अगर महिला थाना में किसी मामले में महिला पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई जाती है तुरंत कार्रवाई की जाती है। महिला थाना में तैनात सभी महिला पुलिस कर्मचारी अच्छी पढ़ी-लिखी हैं और अपने कर्तव्यों के प्रति सजग हैं। महिला पुलिस जब सड़कों पर दिखाई पड़ती है तो महिलाओं और छात्राओं का उनको देखकर ही आत्मविश्वास बढ़ जाता है।

सवाल : छात्राओं के साथ हो रही घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही पुलिस?

जवाब : शिकायत पर कार्रवाई के अलावा छात्राओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही पुलिस विभाग आत्मरक्षा के लिए भी प्रशिक्षण भी दे रहा है। आने वाले समय में इस अभियान को और तेज किया जाएगा। महिला पुलिस कर्मियों को भी इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि बेहतर तरीके से वह छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सीखा सकें और बता पाएं।


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