सिटी स्क्वेयर मामले में धीमी गति से चल रही जांच
सिटी स्क्वेयर निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार मामले की जांच प्रशासनिक अधिकारियों के पास ही उलझ कर रह गई है। 38 करोड़ रुपये की लागत से शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट सिटी स्क्वेयर का निर्माण कार्य होना है।
जागरण संवाददाता, कैथल : सिटी स्क्वेयर निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार मामले की जांच प्रशासनिक अधिकारियों के पास ही उलझ कर रह गई है। 38 करोड़ रुपये की लागत से शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट सिटी स्क्वेयर का निर्माण कार्य होना है। 11 जनवरी को नगर परिषद में हुई हाउस की आपात मी¨टग में पार्षदों ने काम बंद करवाने व जांच की मांग की थी। तीन दिन पहले डीसी ने इस मामले में नगर परिषद अधिकारियों की बैठक लेकर जानकारी हासिल की थी। डीसी ने जांच के लिए एडीसी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी के गठन को तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन फाइल अभी तक भी एडीसी के पास नहीं पहुंची है। डीसी ने तीन दिन पहले ही फाइल एडीसी को मार्क कर दी थी। दोनों ही अधिकारियों के कार्यालय जिला सचिवालय में हैं। ऐसे में अगर फाइल मिलने में ही तीन दिन लगेंगे तो जांच कब होगी यह भी जांच का विषय है।
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जांच कराने को लेकर
एकमत हैं पार्षद
सिटी स्क्वेयर मामले को लेकर हाउस की मी¨टग बुलाई गई थी। सभी पार्षदों ने मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एकमत होकर आवाज उठाई थी। पार्षदों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया हुआ है कि अगर 20 जनवरी तक मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई तो 21 जनवरी को पार्षद नगर परिषद में धरना शुरू कर देंगे। फिलहाल तो मामले में जांच शुरू भी नहीं हो पाई है।
बॉक्स : नहीं मिली फाइल
एडीसी सतबीर कुंडू ने बताया कि उन्हें अभी तक सिटी स्क्वेयर मामले की जांच की फाइल नहीं मिली है। फाइल मिलने के बाद ही जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बॉक्स : जानकारी हासिल की जाएगी
डीसी धर्मवीर ¨सह ने बताया कि तीन दिन पहले ही एडीसी के नाम जांच की फाइल मार्क करके भेज दी गई है। अभी तक फाइल क्यों नहीं पहुंची है इसकी जानकारी हासिल की जाएगी। ---------