निर्धारित दर से 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम में बिक रहा धान, किसानों में रोष
नई अनाज मंडी में आढ़तियों की हड़ताल के बाद धान का सीजन तो शुरू हो गया लेकिन अभी भी किसानों को पीआर धान के पूरे भाव 1
जागरण संवाददाता, कैथल : नई अनाज मंडी में आढ़तियों की हड़ताल के बाद धान का सीजन तो शुरू हो गया, लेकिन अभी भी किसानों को पीआर धान के पूरे भाव 1888 रुपये नहीं मिल रहे हैं। इस कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। भारतीय किसान संघ के सदस्यों ने वीरवार को अनाज मंडी का दौरा करते हुए किसानों की समस्याएं जानी। किसानों ने बताया कि खरीद एजेंसी, आढ़ती और राइस मिलरों की मिलीभगत के चलते किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। राइस मिलर 50 रुपये पंखा के नाम के और नमी और ढेरी में टुकड़ा बताते हुए 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल धान कम खरीद रहे हैं। जबकि सरकार ने आदेश जारी किये हुए हैं कि निर्धारित भाव के अनुसार ही मंडियों में किसानों का धान खरीदा जाए। कम भाव मिलने के कारण किसानों ने पंजाब की मंडियों का रुख कर लिया है। काफी किसान वहां धान बेचने के लिए जा रहे हैं।
हैफेड एजेंसी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे धान की खरीद
भारतीय किसान संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष रणदीप आर्य और जिलाध्यक्ष सतीश ग्योंग ने बताया कि वीरवार को नई अनाज मंडी में किसानों की समस्याएं जानने के लिए दौरा किया। इस दौरान किसानों से बातचीत की तो बड़ा गोलमाल सामने आया। किसानों ने बताया कि निर्धारित रेट 1888 रुपये प्रति क्विंटल भाव किसानों को नहीं मिल रहा है। आरोप है कि खरीद एजेंसी, राइस मिलर और आढ़ती आपस में मिले हुए हैं। पंखा लगवाने के नाम पर और ढेरी में टुकड़ा बताते हुए 100 से 150 रुपये कम धान खरीदा जा रहा है।
मंडी में धान लेकर पहुंचे रोहेड़ा गांव के किसानों ने बताया कि 13 से 14 प्रतिशत नमी वाली धान को भी 1700 से 1800 रुपये में खरीदा जा रहा है, जबकि आदेश ये हैं कि 17 प्रतिशत नमी वाली धान को 1888 रुपये में खरीदना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
रणदीप आर्य ने बताया कि मंडियों में खरीद एजेंसियों के अधिकारी धान खरीद को लेकर खानापूर्ति कर रहे हैं। जब वह मंडी में पहुंचे तो धान खरीद के कार्य को लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी लगे हुए थे। एक हैफेड एजेंसी और एक मार्केट कमेटी का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। अब हिसाब लगाया जा सकता है कि धान खरीद को लेकर एजेंसियां कितनी सजग हैं।
इस बार सीजन में आ रही दिक्कत
आढ़ती जयभगवान शर्मा ने बताया कि इस बार धान सीजन में किसानों और आढ़तियों को काफी दिक्कत आ रही है। खरीद एजेंसियों का इंतजार करने में पूरा दिन बीत जाता है। उनकी मांग है कि मंडियों में एक एजेंसी की बजाए दो से तीन एजेंसियों की खरीद होनी चाहिए।
सीएम मनोहर लाल को करेंगे शिकायत
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि मंडियों में धान खरीद को लेकर किसानों के हो रहे शोषण को लेकर सीएम मनोहर लाल से मिलकर शिकायत देंगे। मंडियों में किसानों को लूटा जा रहा है, लेकिन सरकार के विधायक और मंत्री मंडियों का दौरा तक नहीं कर रहे हैं।
किसानों के खाते में होगा भुगतान
डीएफएससी प्रमोद कुमार ने बताया कि मंडियों से एजेंसी ने जो धान खरीदा है, उसका भुगतान सीधे किसानों के खाते में होगा। पीआर धार का जो निर्धारित रेट तय किया हुआ है वह किसानों को पूरा मिलेगा।