बॉक्सिंग के दम पर परिवार को पाल रही अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मनीषा मौण
नारी शक्ति किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है। यह बात कैथल की अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मनीषा मौण ने साबित कर दिया है। मनीषा ऐसी खिलाड़ी है जो अब अपने खेल के दम पर परिवार का पालन-पोषण कर रही है।
सुनील जांगड़ा, कैथल
नारी शक्ति किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है। यह बात कैथल की अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मनीषा मौण ने साबित कर दिया है। मनीषा ऐसी खिलाड़ी है, जो अब अपने खेल के दम पर परिवार का पालन-पोषण कर रही है। साल 2011 में अंबाला रोड स्थित आरकेएसडी बॉक्सिंग खेल सेंटर में खेलना शुरू किया था। कोच राजेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह और विक्रम ढुल ने बॉक्सिंग के गुर सिखाए। 10 साल के अपने करियर में करीब 50 लाख रुपये की राशि जीत चुकी है। पिता कृष्ण कुमार डेढ़ एकड़ जमीन के मालिक हैं और खेती-बाड़ी से ही पहले घर का गुजारा होता था। घर में मां ऊषा देवी, भाई विकास और बड़ी बहन निशा है। कृष्ण ने बताया कि एक समय था जब परिवार का गुजारा करने में बड़ी परेशानी उठानी पड़ती थी। अब बेटी खेल के दम पर जिले का नाम भी रोशन कर रही है और परिवार का गुजारा भी अच्छे से हो रहा है।
इंडिया कैंप में कर रही ओलंपिक की तैयारी
अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर मनीषा मौण ने हंगरी में हुई बोक्सकई मेमोरियल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया है। यह प्रतियोगिता 2 से 7 फरवरी को संपन्न हुई है। फाइनल मुकाबले में मनीषा रसिया की बॉक्सर विक्टोरिया लिमोनिया से हार गई और दूसरे स्थान पर रही। फाइनल में पहुंचने से पहले उसने फ्रांस की बॉक्सर मिशलेन मोनू को पांच-शून्य से, स्वीट्जरलैंड की बॉक्सर लेखा बरोमोरोवा को पांच-शून्य से और सेमिफाइनल में यूक्रेन की बॉक्सर बेसानेट्स मेरियाना को चार-एक से हराया। मनीषा ने 57 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लिया था। मनीषा इस समय दिल्ली में चल रहे इंडिया कैंप में अभ्यास कर रही है और 2020 में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए तैयारी कर रही है।
ये हैं मनीषा की मुख्य उपलब्धियां
- अप्रैल, 2019 में थाईलैंड में हुई एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
- 2018 में हुई आइबा ओपन प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल।
- 2019 में हुई आइबा ओपन प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल।
- 2019 में दिल्ली में हुई बिग बाउट प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल।
- नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में करीब 20 गोल्ड जीत चुकी है।