Move to Jagran APP

पराली जलाने की बजाए खेत में हीं दबाए, बढ़ेगी पैदावर

कृषि विज्ञान केंद्र कैथल एवं प्रगतिशील किसान क्लब की तरफ से फसल अवशेष प्रबंधन की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मेजर ¨सह फार्म मलिकपुर पर आयोजित किया गया। कृषि विज्ञान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र चहल एवं डॉ. जसबीर ने किसानों को संकल्प दिलाया कि धान के अवशेषों को खेत में दबाएंगे व अवशेषों को नहीं जलाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 11:23 PM (IST)
पराली जलाने की बजाए खेत में हीं दबाए, बढ़ेगी पैदावर
पराली जलाने की बजाए खेत में हीं दबाए, बढ़ेगी पैदावर

संवाद सहयोगी, सीवन :

loksabha election banner

कृषि विज्ञान केंद्र कैथल एवं प्रगतिशील किसान क्लब की तरफ से फसल अवशेष प्रबंधन की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मेजर ¨सह फार्म मलिकपुर पर आयोजित किया गया। कृषि विज्ञान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र चहल एवं डॉ. जसबीर ने किसानों को संकल्प दिलाया कि धान के अवशेषों को खेत में दबाएंगे व अवशेषों को नहीं जलाएंगे। डॉ. देवेंद्र चहल ने कहा कि फसल अवशेष खेत में दबाने से जमीन की ताकत बढ़ती है व जैविक कार्बन बढ़ता है। मित्र कीट सुरक्षित रहते हैं। पराली जलाने से केवल दिल्ली में ही प्रदूषण नहीं फैलता बल्कि लोग भी बीमार हो रहे है। गले की बीमारी, बुखार, आंखों में जलन व दमे के रोगियों के लिए बहुत ही जीवन कठिन हो रहा है। उन्होंने किसानों को सब्जी उत्पादन एवं बागवानी के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि आने वाला समय बागवानी का ही है। बाग में प्रति एकड़ पैदावार 200 क्विंटल तक हो जाती है। फलों का मूल्य गेहूं धान से अधिक होता है। किसान के बाग लगाने से उनकी आय कई गुणा बढ़ सकती है। बाग के लिए उच्च किस्म के पौधे, लगाने का ढंग, कटाई व छटाई व उर्वरक प्रबंधन यदि विशेषज्ञों की देख रेख में की जाए तो आमदन कई गुणा बढ़ सकती है।

डॉ. जसबीर ने गेहूं की किस्में, खरपतवार नियंत्रण व प्रबंध व्यवस्था के बारे में बताया। प्रगतिशल किसान क्लब के प्रधान लक्ष्मी आनन्द ने बताया कि पिछले वर्ष जिन खेतों में पुआल दबाया गया था उनमें अन्य की अपेक्षा अच्छी पैदावार मिली है। इस वर्ष भी उन्होंने अपना सारा खेत हैप्पी सीडर से बोया है, जिसमें उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई है।

प्रगति किसान क्लब के सचिव गुरदियाल मलिकपुर ने कहा कि गत वर्ष उन्होंने सारी पराली को खेत में गला कर आलू व लहसुन की बिजाई थी, जिसके परिणाम उत्साह जनक रहे हैं। इसके लिए हैप्पी सीडर, एमबी प्लो, मलचर, कटर व रोटावेटर सभी उपकरण सरकार से सब्सिडी पर प्राप्त हुए हैं। मेजर ¨सह मलिक ने फार्म पर पहुंचे सभी किसानों व वैज्ञानिकों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर सुरेन्द्र जाजनपुर, प्रेम ¨सह खेड़ी राय वाली, अशोक गोयल, उदय फिरोजपुर, रामे‌र्श्वर मलिकपुर, जसमेर, जस्सी व देसराज मलिकपुर मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.