Move to Jagran APP

न सड़के, न पानी गांव उझाना की यही कहानी

गांव उझाना में मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के पीने के लिए स्वच्छ पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। लोगों के घरों में शोरे युक्त पानी की सप्लाई की जा रही है। पानी के साथ-साथ रेत भी घरों में लगे नलों में पहुंच रहा है। गांव में पशुओं को नहलाने के लिए बने तालाबों में नालियों का गंदा पानी पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 10:21 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 10:21 AM (IST)
न सड़के, न पानी गांव 
उझाना की यही कहानी
न सड़के, न पानी गांव उझाना की यही कहानी

जागरण संवाददाता, कैथल :

loksabha election banner

गांव उझाना में मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के पीने के लिए स्वच्छ पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। लोगों के घरों में शोरे युक्त पानी की सप्लाई की जा रही है। पानी के साथ-साथ रेत भी घरों में लगे नलों में पहुंच रहा है। गांव में पशुओं को नहलाने के लिए बने तालाबों में नालियों का गंदा पानी पहुंच रहा है। इस कारण तालाबों में गंदगी फैली हुई है।

इसके अलावा उझाना को गांव कुलतारण से जोड़ने वाली सड़क भी करीब 30 वर्षों से कच्ची पड़ी है। इसी सड़क के दोनों तरफ ज्यादातर ग्रामीणों के खेत हैं। बरसात के दिन में यह कच्ची सड़क होने के कारण बदहाल हो जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि वे इस संबंध में कई बार अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन परेशानी से छुटकारा नहीं मिल रहा।

बॉक्स

चार हजार के करीब है गांव की आबादी :

उझाना गांव की आबादी चार हजार के करीब है। वर्तमान में गांव की साक्षरता दर 75 से लेकर 80 प्रतिशत के बीच है। सरकारी व निजी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे ग्रामीणों की संख्या काफी कम है। गांव का स्कूल भी माध्यमिक तक है। ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि आबादी को देखते हुए उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।

बॉक्स

तीन किलोमीटर लंबी सड़क

पर फैली बदहाली :

ग्रामीण ईश्वर सिंह ने बताया कि गांव से कुलतारण की ओर जाने वाली करीब तीन किलोमीटर लंबी सड़क कच्ची हैं। बरसात के दिनों में सड़क पर इतना ज्यादा कीचड़ भर जाता है कि लोगों को पैदल खेतों में जाने के लिए भी रास्ता नहीं मिलता। खेतों में भी चारा लेने व अन्य कार्यों से हर दिन जाना पड़ता है। कई बार तो उनके वाहन भी कीचड़ में फंस जाते हैं।

बॉक्स

गांव में नया ट्यूबवेल लगवाएं अधिकारी :

ग्रामीण मेला राम ने बताया कि पहले गांव में नहरी पानी की सप्लाई आती थी, लेकिन बाद में उसे बंद कर दिया गया। अब ट्यूबवेल का पानी आता है, जो कि पीने के लायक नहीं है। अधिकारियों को गांव में नया ट्यूबवेल लगवाना चाहिए। गांव में खिलाड़ियों के लिए कोई खेल स्टेडियम भी नहीं है। बच्चे स्कूल के मैदान व आसपास के खाली स्थानों पर खेलने के लिए जाते हैं।

बॉक्स : अधिकारियों को समस्याओं से कराया अवगत

गांव के सरपंच ज्ञान सिंह ने बताया कि गांव की समस्याओं के बारे में संबंधित अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। पंचायत अपने स्तर पर भी समस्याओं के समाधान के के लिए कार्य कर रही है। जल्द से जल्द अधिकारियों से मिलकर समस्या का समाधान करवाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.