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स्टार रे¨टग में पिछड़े जिले के गांव, तीन स्टार से नहीं बढ़ पाए आगे

प्रदेश सरकार की गांव को दी जाने वाली स्टार रे¨टग में कैथल जिले के सभी गांव पिछड़ गए हैं। जिले का एक भी गांव ऐसा नहीं है, जो फाइव या सेवन स्टार टॉप रे¨टग हासिल कर पाया हो।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Jul 2018 01:25 AM (IST)Updated: Sun, 08 Jul 2018 01:25 AM (IST)
स्टार रे¨टग में पिछड़े जिले के गांव, तीन स्टार से नहीं बढ़ पाए आगे
स्टार रे¨टग में पिछड़े जिले के गांव, तीन स्टार से नहीं बढ़ पाए आगे

जागरण संवाददाता, कैथल : प्रदेश सरकार की गांव को दी जाने वाली स्टार रे¨टग में कैथल जिले के सभी गांव पिछड़ गए हैं। जिले का एक भी गांव ऐसा नहीं है, जो फाइव या सेवन स्टार टॉप रे¨टग हासिल कर पाया हो। जिले में 277 पंचायतें हैं और स्टार रे¨टग प्रतियोगिता के लिए सिर्फ 64 गांव ने ही नॉमिनेशन किया था। उनमें से भी 34 पंचायतें तो प्रथम चरण में ही बाहर हो गई थी और बची 20 पंचायतें थ्री स्टार से आगे नहीं बढ़ पाई। इसमें पंचायतें कम और जिला प्रशासन ज्यादा दोषी रहा। जिले में कई ऐसे गांव थे, जो सेवन या फाइव स्टार रे¨टग के हकदार थे, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण ये गांव इस प्रतियोगिता में भागीदारी भी नहीं कर पाए। इनको मिली थ्री स्टार रे¨टग

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कैथल के सिर्फ छह गांव ही थ्री स्टार रे¨टग हासिल कर सके हैं। उनमें पूंडरी ब्लॉक का गांव बरसाना, खेड़ी सिकंदर, मुन्नारेहड़ी और जांबा शामिल हैं। इसके अलावा दो गांव सीवन ब्लॉक से हैं, जिनमें पिसौल और रामदासपुरा भी शामिल हैं। बाकी बची सभी पंचायतों ने दो या एक स्टार मिला है। इन मापदंडों पर परखा

सरकार ने सभी पंचायतों की कार्यप्रणाली परखने के लिए सात मापदंड तय किए थे। सभी पंचायतों को उनके ¨लगानुपात, शिक्षा, ड्रॉप आउट, स्वच्छता, अपराधमुक्त, पर्यावरण, सुशासन और सामाजिक भागीदारी जैसे मापदंडों पर परखा गया। सरकार का दावा है कि जिन गांवों की स्टार रे¨टग ज्यादा होगी, उस गांव में पैसे भी अधिक दिए जाएंगे और उनको सम्मानित किया जाएगा। इस पंचायतों में एक दूसरे आगे निकलने की होड़ होगी। बॉक्स

सरपंचों को नहीं थी स्टार रे¨टग योजना की जानकारी

सरपंच एसोसिएशन के जिला प्रधान गज्जन ¨सह ने कहा कि योजना के बारे में जागरूकता सरपंचों में नहीं थी। प्रशासन ने ग्राम सचिवों की बैठक तो ली, लेकिन सरपंचों को औपचारिक रुप से कोई जानकारी नहीं थी। जिले में ऐसे कई गांव हैं, जो सेवन या फाइव स्टार के हकदार हैं, जिनमें उनका गांव भी शामिल है। अगली बार जिले के कई गांव इस प्रतियोगिता के लिए तैयार हैं और निश्चित रूप से सेवन या फाइव स्टार हासिल करेंगे। बॉक्स

ऑनलाइन सेवाओं के बोझ तले दबे हैं ग्राम सचिव

ग्राम सचिवों ने बताया कि एक-एक ग्राम सचिव के पास कई-कई पंचायतों की जिम्मेदारी हैं। सभी काम ऑनलाइन करने होते हैं। वे भी चाहते थे कि उनकी पंचायतें अवार्ड के लिए नॉमिनेट हों, लेकिन काम के बोझ से ऐसा संभव नहीं हो पाया था। वर्जन

ग्राम सचिवों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस बार जिले के गांव राज्यस्तर पर सम्मानित होने से वंचित रह गए हैं, लेकिन जिलास्तर पर 20 गांव सम्मानित होने जा रहे हैं। अगली बार राज्य स्तर के लिए भी पंचायतों को जागरूक किया जाएगा।

- कंवर दमन ¨सह, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कैथल।

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