राजकीय स्कूल में कमरों की कमी से बरामदे में पढ़ रहे
दिन- बृहस्पतिवार, समय- सुबह 11 बजकर 10 मिनट, स्थान न्यू करनाल रोड स्थित राजकीय उच्च विद्यालय नंबर-चार। त्योहारों के सीजन के चलते स्कूल में बच्चों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा कम है। जो बच्चे स्कूल में आए हुए हैं, उनमें से भी कोई कमरों में तो कोई बाहर बरामदे में बैठकर पढ़ाई कर रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
दिन- बृहस्पतिवार, समय- सुबह 11 बजकर 10 मिनट, स्थान न्यू करनाल रोड स्थित राजकीय उच्च विद्यालय नंबर-चार। त्योहारों के सीजन के चलते स्कूल में बच्चों की संख्या अन्य दिनों की अपेक्षा कम है। जो बच्चे स्कूल में आए हुए हैं, उनमें से भी कोई कमरों में तो कोई बाहर बरामदे में बैठकर पढ़ाई कर रहा है।
स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा और बैठने का स्थान कम होने के कारण विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसे हालात राजकीय स्कूल नंबर चार में पिछले कई वर्षों से बने हुए हैं। स्कूल में अलग-अलग कक्षाओं में बच्चों की संख्या 800 से 900 के करीब है, लेकिन उनके बैठने के लिए मात्र 18 से 20 कमरे ही हैं।
ऐसे में विद्यार्थियों को कमरों से बाहर बरामदे में बैठकर कक्षाएं लगानी पड़ रही है। यहां तक कि स्कूल में बच्चों के लिए खेल का मैदान भी नहीं है। मिड-डे-मील भी कक्षाओं के कमरों के साथ लगते कमरे में ही बनता है।
बॉक्स, स्कूल गेट के बाहर
वाहनों का जमावड़ा
समय- सुबह साढ़े ग्यारह बजे।
स्कूल के गेट के बाहर अवैध रूप से सड़क किनारे खड़े किए गए वाहनों का जमावड़ा है। न्यू करनाल रोड पर वाहन खड़े होने से सफाई नहीं हो पा रही और गंदगी के ढेर लगे हैं। वाहनों के शोर से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल के दूसरी तरफ मार्केट होने के कारण वहां आने-जाने वाले लोग स्कूल की दीवारों को पेशाब घर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। स्कूल का स्टाफ समस्या को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों को अवगत करवा चुका हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा।
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कक्षा पहली से लेकर
दसवीं तक 28 सेक्शन :
स्कूल स्टाफ व विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक हर एक कक्षा में तीन से चार सेक्शन हैं, जिनकी कुल संख्या 14 है। ऐसे ही कक्षा छठी से दसवीं तक भी 14 सेक्शन हैं। कई बार जब विद्यार्थियों को कमरों में जगह नहीं मिलती तो वे बाहर बरामदे में बैठकर कक्षाएं लगाते हैं। बरसात के मौसम में एक-एक कमरे में दो-दो कक्षाएं लगानी पड़ती है। उन्होंने अधिकारियों से मांग की कि या तो स्कूल की बि¨ल्डग का विस्तार किया जाए या फिर कहीं और शिफ्ट किया जाए, जहां बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हों।
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जगह नहीं मिलने के कारण
हो रही है परेशानी :
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी शमशेर ¨सह सिरोही ने बताया कि जगह नहीं मिलने के कारण समस्या पैदा हो रही है। अगर जिला प्रशासन या नगर परिषद की ओर से कहीं जगह उपलब्ध करवा दी जाए, तभी शिक्षा विभाग वहां पर कुछ कक्षाओं को शिफ्ट करवाने के प्रयास कर सकता है।