बंद पड़ी एक्स-रे मशीन, जांच के लिए शहरों में भटक रहे मरीज
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखी एक्स-रे मशीन पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी है। मशीन को चलाने वाले रेडियो ग्राफर की नियुक्ति न होने से यह मरीजों के लिए बेकार साबित हो रही है
संवाद सहयोगी, राजौंद : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखी एक्स-रे मशीन पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी है। मशीन को चलाने वाले रेडियो ग्राफर की नियुक्ति न होने से यह मरीजों के लिए बेकार साबित हो रही है। एक्स-रे के लिए मरीजों को कैथल, करनाल व जींद तक के धक्के खाने पड़े रहे है। ग्रामीण रामकुमार, भूषण शर्मा, श्याम राणा, कुलदीप व रामबीर ने बताया कि मशीन कमरे में बंद होकर रह गई है। जब से यहां से रेडियो ग्राफर सेवानिवृत्त हुए हैं तब से लेकर आज तक दूसरे की नियुक्ति नहीं की गई। इमरजेंसी के समय मरीजों को बाहर भागना पड़ता है। एक तरफ तो सरकार स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधा की बात करती है, लेकिन दूसरी तरफ अस्पतालों न तो चिकित्सक है और न ही संसाधन हैं।
मरीजों को जांच और इलाज के लिए बाहर प्राइवेट अस्पतालों में जाना पड़ता है। जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं वे शहर के जिला सिविल अस्पताल में जाती हैं, वहां मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण इलाज देरी से मिलता है। घंटों तक लाइनों में लगना पड़ता है, सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
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स्वास्थ्य केंद्र के एसएमओ रजनीश मल्होत्रा ने बताया कि रेडियोग्राफर नियुक्त करने के लिए कई बार विभाग को लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।