पोष में सावन जैसी बारिश, बढ़ी ठंड
पश्चिमी विक्षोभ के कारण कैथल में जमकर बदरा बरसे। मंगलवार से हो रही बूंदाबांदी बुधवार को तेज बारिश में बदल गई। इस दौरान कई जगहों पर हलकी ओलावृष्टि भी हुई।
जागरण संवाददाता, कैथल : पश्चिमी विक्षोभ के कारण कैथल में जमकर बदरा बरसे। मंगलवार से हो रही बूंदाबांदी बुधवार को तेज बारिश में बदल गई। इस दौरान कई जगहों पर हलकी ओलावृष्टि भी हुई। जिला में 30 एमएम बरसात दर्ज की गई। इस दौरान कैथल में 35, गुहला में 34 तथा कलायत में 19 एमएम बरसात हुई।
सुबह से आसमान में काले बादल छाए हुए थे। 10 बजे के करीब बूंदाबांदी शुरू हो गई जो दिन भर जारी रही। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अमूमन दिसंबर में इतनी अधिक बारिश नहीं होती है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हुई जो औसत से कहीं ज्यादा थी। अधिक बारिश से मौसम भी ठंडा हो गया, जिससे अधिकतम तापमान 18 डिग्री तक गिर गया है जो पिछले कई दिनों से 22 से 23 डिग्री बना हुआ था। इसके अलावा न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई है। बरसात होने से ठंड का असर रहा। दिनभर सरकारी कार्यालयों व बाजारों में सन्नाटा सा पसरा रहा।
बॉक्स : निचले इलाकों में भरा पानी
बारिश से कैथल में लघु सचिवालय, करनाल रोड, अंबाला रोड, माता गेट, शक्ति नगर, खुराना रोड, अर्जुन नगर, चंदाना गेट, रेलवे रोड, सब्जी मंडी, खुराना रोड, कबूतर चौक, हुडा सेक्टर 19 में जगह जगह जलभराव हो गया। जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर स्कूली बच्चों को छुट्टी के बाद घर तक पहुंचने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं दोपहर को बारिश इतनी तेज थी कि जो जहां था वहीं फंस गया और कई घंटे बाद अपने गंतव्य तक पहुंचे।
बॉक्स : मंडी में भीग गई धान
बारिश के कारण मंडी का ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से जगह जगह पानी भर गया। मंडी में अभी भी हजारों ¨क्वटल बारीक धान पड़ा हुआ है। शेड के नीचे पर्याप्त जगह नहीं होने से किसानों को धान खुले में डालना पड़ता है। बारिश और मंडी ओवरफ्लो होने से मंडी में पड़ी किसानों का धान भी गई।
बॉक्स : गेहूं और सब्जियों के लिए वरदान साबित होगी बारिश
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक हुई बारिश के अनुसार नुकसान की कोई आशंका नहीं है। गेहूं और सब्जियों की फसल के लिए यह बारिश वरदान साबित होगी।
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अधिक बारिश से ¨चतित हुए किसान
थोड़ी अधिक बारिश होते ही किसानों ¨चतित दिखाई देना लगा है। किसानों का कहना है कि निचले खेतों में पानी खड़ा होना से गेहूं पीली हो जाएगी, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिक डॉ. जसबीर ¨सह ने सुझाव दिया कि गेहूं के पीलेपन को खत्म करने के लिए अधिक खाद का प्रयोग न करें। इसके लिए किसान ढाई किलो यूरिया और 21 प्रतिशत ¨जक सल्फेट 100 लीटर पानी में मिलाकर खेतों में स्प्रे कर दें। इससे पीलापन खत्म होने के साथ ही गेहूं की पैदावार भी अच्छी होगी।
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सुबह धुंध के बाद दिन
भर साफ रहेगा मौसम
बृहस्पतिवार को सुबह धुंध छाए रहेगी तथा दोपहर तक मौसम साफ हो जाएगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. महावीर ¨सह ने कहा कि अभी तक हुई बारिश फायदेमंद है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार कल से मौसम खुल जाएगा।