30 हजार असली करंसी के बदले साथियों को देता था एक लाख जाली नोट
नकली नोट छापने वाले आरोपितों के कब्जे से पानीपत से चुराई गई मोटरसाइकिल बरामद कर ली है। आरोपित संजय निवासी जसवंती ने पूछताछ के दौरान बताया उसकी गांव क्योड़क में वीआइपी टेलर के नाम से दुकान चला रहे सुखविद्र निवासी रसूलपुर मांडी के साथ कई वर्षो से दोस्ती है।
जागरण संवाददाता, कैथल : नकली नोट छापने वाले आरोपितों के कब्जे से पानीपत से चुराई गई मोटरसाइकिल बरामद कर ली है। आरोपित संजय निवासी जसवंती ने पूछताछ के दौरान बताया उसकी गांव क्योड़क में वीआइपी टेलर के नाम से दुकान चला रहे सुखविद्र निवासी रसूलपुर मांडी के साथ कई वर्षो से दोस्ती है। वर्ष 2019 जून माह में सुखविद्र के साथ दुकान पर बैठा था तो इस दौरान उनके दिमाग में नकली नोट बनाकर बाजार में चलाने की योजना बनाई। इसके तहत दोनों ने यू-ट्यूब पर नकली नोट बनाने का तरीका देखा। घटना के कई दिन बाद उसकी मुलाकात दिनेश से हुई, जिसे नकली नोटों को बाजार में खपत करने के धंधे में शामिल किया।
संजू व सुखविद्र द्वारा कलर प्रिटर व कंप्यूटर के माध्यम से संजू के मकान पर सैंपल के तौर पर 500-500 के नोटों की फोटो कॉपी करके चार नकली नोट तैयार किए। इसे दिनेश के माध्यम से जसवीर, अनिल व विजय के द्वारा मार्केट में खपा दिए।
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500, 200 और 100 के नोट छापे
आरोपितों द्वारा बड़े पैमाने पर 500, 200 और 100-100 के जाली नोट तैयार किए। आरोपित दिनेश को 30 हजार असल करंसी के बदले में एक लाख की जाली करंसी देने की डील हुई। इस दौरान आरोपित दिनेश अब तक उनसे 12 लाख की जाली करंसी हासिल करके उनको सात हजार के असल करंसी नोट दे चुका था, जबकि शेष राशि नकली करंसी बाजार में चलने के बाद देने की बात कही थी।