हनुमान वाटिका में कोरोना को हराने के लिए कर रहे महामृत्युंजय मंत्रों का पाठ
कोरोना को हराने के लिए कैथल की हनुमान वाटिका में महामृत्युंजय मंत्र का पाठ चल रहा है। यह पाठ लगातार सात दिनों तक चलेगा। वीरवार को चौथे दिन भी लगातार ब्राह्मणों द्वारा महामृत्युंजय मंत्र का पाठ किया गया। वाटिका के पुजारी पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि लगातार सात ब्राह्मण इस पाठ का सात दिन तक मंत्रोच्चारण करेंगे।
जागरण संवाददाता, कैथल:
कोरोना को हराने के लिए कैथल की हनुमान वाटिका में महामृत्युंजय मंत्र का पाठ चल रहा है। यह पाठ लगातार सात दिनों तक चलेगा। वीरवार को चौथे दिन भी लगातार ब्राह्मणों द्वारा महामृत्युंजय मंत्र का पाठ किया गया। वाटिका के पुजारी पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि लगातार सात ब्राह्मण इस पाठ का सात दिन तक मंत्रोच्चारण करेंगे। प्रतिदिन करीब 25 हजार मंत्रोच्चारण ब्राह्मणों द्वारा किया जा रहा है। पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि महामृत्युंजय मंत्र जपने से अकाल मृत्यु तो टलती ही है, आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है। महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ है मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु का डर दूर होता है। इस मंत्र की रचना ऋषि मार्कण्डेय ने की थी। इस मंत्र का मतलब है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन पोषण करते हैं। इसे त्रयंबकम मंत्र, रूद्र मंत्र और मृत-संजीवनी मंत्र भी कहा जाता है। ऋग वेद के सातवें अध्याय, यजुर्वेद के तीसरे अध्याय और अथर्व वेद के 14वें छंद में इस मंत्र के बारे में बताया गया है। ऋषियों ने महामृत्युंजय मंत्र को वेदों का हृदय भी कहा है। पंडित विशाल शर्मा ने बताया कि देश इस समय कोरोना महामारी से त्रस्त है। ऐसे में यह महामृत्युंजय मंत्र का पाठ अवश्य ही कोरोना से लोगों को बचाने में मददगार साबित होगा।