कॉलोनियों में गुजर रहे हाईटेंशन तार, बढ़ रहे हादसे
शहर की कालोनियों में घरों के ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन लाइन से न सिर्फ बड़े हादसों की आशंका है बल्कि कई लोग इसकी चपेट में आकर जान भी गंवा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल :
शहर की कालोनियों में घरों के ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन लाइन से न सिर्फ बड़े हादसों की आशंका है, बल्कि कई लोग इसकी चपेट में आकर जान भी गंवा चुके हैं। एक दर्जन से अधिक कालोनियों में हाइटेंशन तारों की समस्या बनी है। हाल ही में बिजली निगम की ओर से छह से अधिक कॉलोनियों में हाईटेंशन तारें हटाने का निगम को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है। अब अदालत के आदेशों के बाद लोगों को कार्रवाई की उम्मीद जगी है।
जिला में बिजली निगम की ओर से कुछ महीने पहले 11केवी लाइन को हटाने के लिए वर्क आर्डर जारी किया है, इसमें शहर की 119 लाइनों पर तार हटाने का प्रस्ताव है, लेकिन अभी तक इन कॉलोनियों में कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है। कई कॉलोनियों में तो मकानों की छतों से इन तारों की दूरी मात्र दो से तीन फुट ही है। कई जगह तो ऐसी हैं, जहां बिजली के तार बिल्कुल मकानों के साथ सटे हैं। कॉलोनी के निवासी मकानों से तार जुड़े होने के कारण भय के साये में जी रहे हैं।
इन कॉलोनियों में है समस्या :
शहर के प्यौदा रोड, बलराज नगर, रजनी कॉलोनी, बालाजी कॉलोनी, फ्रेंडस कॉलोनी, मायापुरी कॉलोनी, हरसौला बस्ती, खुराना रोड, जींद रोड स्थित सुभाष नगर, डीएवी कॉलोनी और करनाल रोड व अंबाला रोड सहित अन्य कॉलोनियों में हाईटेंशन तारों की समस्या बनी है। वर्ष 2017 में दो लोग, 2018 में चार लोग और वर्ष 2019 में तीन लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
वार्ड नंबर 17 के पार्षद वेद प्रकाश ने बताया कि उसके वार्ड में चार से अधिक कॉलोनियां है, जहां पर यह समस्या बहुत गंभीर है। अब कोर्ट ने निगम को जल्द ही तार हटाने के आदेश दिए है तो उससे काफी राहत मिलेगी। पार्षद ने बताया कि कॉलोनी में घरों की छतों पर महज 50 से 70 मीटर की दूरी पर हाईटेंशन तार गुजर रहे है। जिस कारण कई हादसे हो चुके है।