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सीएससी संचालकों की लापरवाही पड़ रही पात्र परिवारों पर भारी

शहर में बने सीएससी (कॉमन सर्विस सेटर) संचालकों के कारण पात्र परिवारों को बीपीएल कार्ड से वंचित होना पड़ रहा है। करीब 11 साल बाद कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सीएसस सेंटरों पर बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 10:33 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 06:33 AM (IST)
सीएससी संचालकों की लापरवाही पड़ रही पात्र परिवारों पर भारी
सीएससी संचालकों की लापरवाही पड़ रही पात्र परिवारों पर भारी

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में बने सीएससी (कॉमन सर्विस सेटर) संचालकों के कारण पात्र परिवारों को बीपीएल कार्ड से वंचित होना पड़ रहा है। करीब 11 साल बाद कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सीएसस सेंटरों पर बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए थे। जिन लोगों ने आवेदन फार्म में अपना मोबाइल नंबर नहीं दिया था उनमें संचालकों ने अपना मोबाइल नंबर भर दिया था। इसके अलावा संचालकों ने जानकारी भी भी गलत भर दी। इसकी वजह से कुछ परिवारों को सूची में ही नहीं शामिल किया गया। सर्वे के लिए जो लिस्ट आई थी वह ना तो वार्ड के हिसाब से थी और न ही नाम के। ऐसे में सर्वे करने वाली टीम ने आवेदन में दिए गए मोबाइल फोन से ही लोगों से संपर्क किया। जिनके मोबाइल नंबर गलत भरे गए थे या आवेदनों पर संचालकों ने अपने नंबर दिए हुए थे उनसे सर्वे टीम के कर्मचारी संपर्क नहीं कर पाए। बार-बार लोगों की शिकायतें मिलने के बाद डीसी ने एसडीएम की अध्यक्षता में दस टीमों का गठन किया है। टीम अब इस मामले को लेकर अलग-अलग स्थानों पर जाकर जानकारी हासिल करेगी। जो सर्वे किया जा चुका है उसका दोबारा से टीम की ओर से निरीक्षण किया जाएगा। नप व नपा के चक्कर लगा रहे लोग

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जिन लोगों के नाम कटे हुए हैं या जिन लोगों के पास वेरिफिकेशन के लिए कोई फोन नहीं आया वे परेशान होकर नगर परिषद व नगर पालिकाओं के चक्कर लगा रहे हैं। जो लोग जानकारी लेने के लिए आ रहे हैं उनके लिए कोई अलग से कर्मचारी भी नियुक्त नहीं किया गया है। अब जो लोग रह गए हैं उन्हें दोबारा बीपीएल कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार करना होगा। यह है शहर के सर्वे की रिपोर्ट

शहर में नगर परिषद की ओर से बीपीएल कार्ड के लिए चार हजार 384 परिवारों के सर्वे किए गए थे। इसके लिए नप ने चार टीमों का गठन किया गया था। इनमें से 1054 परिवारों को ही पात्र घोषित किया गया है। 1458 परिवारों को अपात्र घोषित किया गया है। 1463 परिवारों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। 221 परिवार ऐसे थे जो गांव से संबंध रखते हैं। 46 परिवारों ने दो बार आवेदन किया था। 142 ऐसे हैं जिनका सर्वे नहीं हो सका है या उनकी रिपोर्ट टीम ने अधिकारियों को नहीं दी है। सीएससी संचालकों की गलती का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बीपीएल कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हुए कई आवेदनों पर संचालकों ने अपने नंबर दिए हुए हैं। इसकी जांच के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में दस टीमों का गठन किया गया है।

डीसी डॉ. प्रियंका सोनी


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