स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची सौथा गांव, जांची स्वास्थ्य
सौथा गांव में तीन बच्चों सहित आठ लोगों की बुखार से मौत के मामले को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया। कांगथली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने बीमार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की
जागरण संवाददाताता, कैथल : सौथा गांव में तीन बच्चों सहित आठ लोगों की बुखार से मौत के मामले को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया। कांगथली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने बीमार लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। पानी के भी सैंपल लिए गए। विभाग के कर्मचारियों ने जहां भी पानी जमा था, वहां डेंगू व मलेरिया के लारवा को नष्ट करने के लिए दवाई का छिड़काव किया। हालांकि विभागीय अधिकारी डेंगू से कोई मौत नहीं होने की बात कह रहा है।
अधिकारियों का कहना है अलग-अलग कारणों से मौत हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में पानी सप्लाई में गंदा पानी आ रहा है। गांव के नजदीक ड्रेन निकल रही है, जिसका पानी पूरी तरह से सड़ चुका है। गंदे पानी से उठने वाली बदबू भी बीमारी फैलने का कारण हो सकती है।
बॉक्स, प्लेटलेट्स की कमी से हुई ज्यादातर मौत
गांव में सितंबर 2018 में बुखार से महिला ओमी देवी के परिवार के तीन व नन्हा राम के परिवार के दो सदस्यों की मौत हो जाती है। परिवार के कई अन्य सदस्य बुखार से पीड़ित हैं। अन्य घरों में भी कई-कई लोग बीमार पड़ें हैं। ज्यादातर मौतों का कारण ग्रामीण प्लेटलेट्स गिरने की बात कह रहे हैं। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्लेटलेट्स बॉडी के लिए सुरक्षा का काम करतें है। किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर ये कमजोर पड़ जाते हैं और इनकी संख्या कम होने लगती है।
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पिछले वर्ष भी हुई थी 23 मौतें
पंचायत चौकीदार ओमप्रकाश ने बताया कि गांव में पिछले वर्ष भी सितंबर और अक्टूबर महीने में 23 मौतें हुई थी। इस वर्ष भी मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस समय भी भी गांव के 20 से 25 मरीजों का इलाज जिला व जिला के बाहर विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है और इनमें से कई की हालत गंभीर हैं। इन सभी मरीजों को प्लेटलेट्स कम होने व बुखार की शिकायत है।
बॉक्स भय के माहौल में व्यतीत कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल हुई मौतों के बाद इस वर्ष फिर से मौत होने के कारण ग्रामीण भय के माहौल में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हलका बुखार होने पर भी लोग इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों में दौड़ पड़ते हैं। महंगे टेस्टों के साथ इलाज करवाने को लोग मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बुखार से लोग पीड़ित हैं, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई। विभागीय टीम ने गांव का दौरा कर हालात का जायजा लिया।
बॉक्स, सभी जरूरी कदम
उठाए जा रहे
सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा ने कहा कि टीम भेजकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सभी मरीजों की मौत किन्हीं अन्य कारणों से हुई है। कांगथली पीएचसी से टीम भेजकर बीमार लोगों का इलाज शुरू करवाया है। दवाई का छिड़काव किया गया। लोगों को डेंगू के लक्षण व बचाव के बारे में जागरूक किया गया है।