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स्कूल के कमरों के निर्माण में धांधली करने पर फंसे खंड शिक्षा अधिकारी और ¨प्रसिपल

जागरण संवाददाता, अंबाला : सरकार से बजट लेने के बाद राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल सरस्वती नगर यमुनानगर के कमरे नहीं बनाने और निर्माण में धांधली करने के मामले में अंबाला बराड़ा खंड में कार्यरत बीईओ रामप्रकाश फंस गए हैं। रामप्रकाश के साथ-साथ धांधली में शामिल एक ¨प्रसिपल पर भी राज्य प्रोजेक्ट निदेशक ने एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। लेकिन इन निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए यमुनानगर के जिला शिक्षा अधिकारी और बीईओ ने तीन साल तक इस केस को दबाए रखा। तीन साल बाद फिर से विभाग की नींद टूटी और तीसरी बार 7 दिसंबर 2018 को लेटर जारी कर एफआइआर दर्ज कराने और 8 लाख 57 हजार रुपये की रिकवरी कराकर 5 दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजने के आदेश यमुनानगर के डीपीसी कम डीईओ को दिए। डीपीसी ने इन आदेशों की अनुपालना का जिम्मा बीईओ मुस्तफाबाद सुरेंद्रपाल को सौंप दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 01:41 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 01:41 AM (IST)
स्कूल के कमरों के निर्माण में धांधली करने पर फंसे खंड शिक्षा अधिकारी और ¨प्रसिपल
स्कूल के कमरों के निर्माण में धांधली करने पर फंसे खंड शिक्षा अधिकारी और ¨प्रसिपल

जागरण संवाददाता, अंबाला : सरकार से बजट लेने के बाद राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल सरस्वती नगर यमुनानगर के कमरे नहीं बनाने और निर्माण में धांधली करने के मामले में अंबाला बराड़ा खंड में कार्यरत बीईओ रामप्रकाश फंस गए हैं। रामप्रकाश के साथ-साथ धांधली में शामिल एक ¨प्रसिपल पर भी राज्य प्रोजेक्ट निदेशक ने एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। लेकिन इन निर्देश की धज्जियां उड़ाते हुए यमुनानगर के जिला शिक्षा अधिकारी और बीईओ ने तीन साल तक इस केस को दबाए रखा। तीन साल बाद फिर से विभाग की नींद टूटी और तीसरी बार 7 दिसंबर 2018 को लेटर जारी कर एफआइआर दर्ज कराने और 8 लाख 57 हजार रुपये की रिकवरी कराकर 5 दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजने के आदेश यमुनानगर के डीपीसी कम डीईओ को दिए। डीपीसी ने इन आदेशों की अनुपालना का जिम्मा बीईओ मुस्तफाबाद सुरेंद्रपाल को सौंप दिया। इस तरह फाइल-इधर से उधर भेज अधिकारी पल्ला झाड़ते रहे। 9 दिन बीत जाने के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो अब चौथी बार 17 दिसंबर को डायरेक्टर ने रिमाइंडर भेजकर एफआइआर कराने की याद इन्हीं अधिकारियों को दिलाई। लेकिन दोनों ही अभी भी एक-दूसरे का मामला बता पल्ला झाड़ रहे हैं। दोनों की मेहरबानी का परिणाम है कि तीन साल से इस मामले में एक पाएदान भी विभाग आगे नहीं बढ़ सका। हालांकि इस मामले में फंसे बीईओ रामप्रकाश वर्तमान में बराड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी हैं और ¨प्रसिपल करनैल ¨सह पानीपत में डाहर में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तैनात हैं। यह है पूरा मामला

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राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल सरस्वती नगर यमुनानगर के पूर्व ¨प्रसिपल करनैल ¨सह और यमुनानगर के खंड मुस्तफाबाद के बीईओ रामप्रकाश ने ग्रांट मिलने के बावजूद कमरों का निर्माण पूरा नहीं करवाया। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने मामले की जांच की तो अनियमितताएं बरतने का मामला उजागर हुआ। उल्लेखनीय है कि स्कूल में नौ क्लास रूम, एक आर्ट एंड क्राफ्ट रूम और एक साइंस लैब बनाने के लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने करीब 19 लाख रुपये की ग्रांट 2010 में जारी की गई थी। ¨प्रसिपल ने 11 में से छह कमरों का निर्माण तो करवा दिया था लेकिन बाकी कमरे आज तक नहीं बन पाए। वर्ष 2016-17 में करनैल ¨सह की ट्रांसफर पानीपत के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल डहर और बीईओ रामप्रकाश को बराड़ा कर दिया गया। जांच में जिन छह कमरों का निर्माण नहीं हुआ था उनपर खर्च होने वाली राशि का एस्टीमेट 8 लाख 57 हजार 20 रुपये बना। इसीलिए इस राशि की रिकवरी ब्याज सहित करने और दोनों पर केस दर्ज कराने के आदेश निदेशक ने जारी किए।

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2015 से अधिकारी दिखा रहे ठेंगा

स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए 19 अगस्त 2015 को यमुनानगर के बीईओ और जिला प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर को पत्र लिखे लेकिन दोनों ने इन आदेशों को मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद 28 दिसंबर 2015 को एफआइआर कराने के निर्देश दिए लेकिन इस बार भी अनदेखी कर दी गई। अब तीसरी बार 7 दिसंबर को फिर से नया पत्र जारी कर एफआइआर कराने के आदेश दिए गए। इस आदेश के 10 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अधिकारी ने दोबारा 17 नवंबर को एफआईआर कराकर कॉपी मुख्यालय भेजने के आदेश दिए।

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सख्ती हुई तो बचने के लिए शुरू करवाया कार्य

¨प्रसिपल करनैल व बीईओ रामप्रकाश को जब पूरे मामले की भनक लगी तो दोनों ने मिलकर एक दिसंबर को आनन फानन में स्कूल के आधे-अधूरे कमरों का निर्माण शुरू करवा दिया। हालांकि अभी तक छह कमरों को कुछ भी काम नहीं शुरू हुआ।

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महंगाई के कारण बढ़ गया था खर्च

जिस वक्त ग्रांट आई थी तब खनन पर प्रतिबंध था। महंगाई के कारण खर्च बढ़ गया। तब विभाग ने बढ़ी हुई राशि पूरे हरियाणा के स्कूलों को तो दी थी लेकिन सरस्वती नगर के स्कूल को राशि नहीं दी गई। इसी दौरान मेरी ट्रांसफर हो गई। अब स्कूल में कमरों का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। यह काम हमें अपने पैसे से करवा रहे हैं।

रामप्रकाश, बीईओ बराड़ा। आग्रह पर कुछ समय के लिए दी छूट

दोनों ने कार्य शुरू करा दिया है। दोनों ही अधिकारी 17 दिसंबर को स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर से मिलने गए थे। वहां पर डायरेक्टर ने मौखिक तौर पर एफआइआर दर्ज कराने में छूट देने की बात कही है। यह बात दोनों ने मेरे सामने रखी थी। दिसंबर आखिर तक एफआइआर दर्ज नहीं कराने का आग्रह किया है। इस अवधि तक वह कार्य पूरा करा देंगे। यह जानकारी मैंने जिला शिक्षा अधिकारी कम जिला प्रोजेक्ट अधिकारी को भेज दिया है।

- सुरेंद्रपाल, बीईओ मुस्तफाबाद।

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एफआइआर कराने के दिए निर्देश

दोबारा से रिमाइंडर आया है। मैंने बीईओ सुरेंद्र को आदेश दे दिए हैं कि एक-दो दिन के भीतर एफआइआर दर्ज करवाई जाए। कोई छूट किसी को नहीं दी गई है।

आनंद चौधरी, डीईओ कम डीपीसी यमुनानगर।


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