अतिक्रमण हटाने पर सीपीएस ने लिया यूटर्न
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर की सूरत पर ग्रहण लगा रहे अतिक्रमण को लेकर सरकार ने पह
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर की सूरत पर ग्रहण लगा रहे अतिक्रमण को लेकर सरकार ने पहले तो नगर परिषद को सख्ती से कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए और जब अधिकारियों ने बाजारों से कब्जे हटाने शुरू किए तो खुद ही उनके हाथ बांध दिए। 11 अगस्त को हुई जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में कई दुकानदारों ने मुख्य संसदीय सचिव बख्शीश ¨सह विर्क के समक्ष शिकायत की थी कि नरवानिया बि¨ल्डग के सामने सुपर मार्केट में लोगों ने लाठियों और रिश्वत के दम पर अवैध कब्जे कर रखे हैं। इस पर विर्क ने नप को अतिक्रमण हटाकर अगली बैठक में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। सोमवार को हुई बैठक में मुख्य संसदीय सचिव का रुख ही बदल गया।
अतिक्रमण करने वालों लोगों ने उन्हें नप के अधिकारियों की शिकायत दी तो उन्होंने बिना पूरा मामला सुने राजनीतिक दखल के चलते नप एमई को कब्जे नहीं हटाने के आदेश दे डाले। विर्क बोले, सरकार बनी है तो लोगों को परेशान मत करो। इस काम को बंद कर दो। इतना कहकर उन्होंने लोगों की शिकायत एमई के हवाले कर दी।
उनके साथ मौजूद भाजपा नेता राव सुरेंद्र ¨सह ने भी रेहड़ी-फड़ी लगाने वालों की पैरवी करते हुए कहा कि नगर परिषद के अधिकारी इन लोगों से छेड़खानी बंद करें। बता दें कि तीन दिन पहले नगर परिषद की ओर से नगर सुधार मंडल की योजना नंबर एक में दुकानदारों द्वारा किए गए कब्जे के खिलाफ अभियान चलाया गया था। इसका लोगों ने विरोध किया था। यही लोग सोमवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में पहुंचे थे। बैठक में नप की ओर से पहुंचे एमई राजकुमार शर्मा ने बताया कि 26 दुकानदारों को एक हफ्ते के लिए नोटिस जारी किए हैं।
बॉक्स
बीज की क्वालिटी पर कृषि अधिकारियों को फटकार
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि किसानों को मिलावटी बीज सप्लाई करने वाले बीज विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों को खाद, बीज व कीटनाशक दवाएं अच्छी गुणवत्ता की तथा ठीक दर पर उपलब्ध करवाना कृषि विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने गांव मालखेड़ी के राजेंद्र ¨सह की शिकायत पर यह आदेश दिए तथा कहा कि बीज विक्रेता के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करके रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए।
बॉक्स
नहीं मिल रहा बीपीएल को राशन
गांव पाई के सुमेर चंद की शिकायत थी कि उनके गांव में बीपीएल सर्वे के दौरान गरीब लोगों के नाम वंचित होने से बीपीएल कार्ड न बनने के कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उन्हें राशन नहीं मिल रहा। बीपीएल सर्वे सरकार की निर्धारित नीति के तहत करवाया जाएगा। केंद्र सरकार की नीति के अनुसार बीपीएल सर्वे आदेश मिलने के बाद ही राज्य सरकार द्वारा करवाया जाता है। फिर भी जो बीपीएल परिवारों के नाम पिछले सर्वे में रह गए थे उन्हें सर्वे सूची से वंचित रहने के कारण स्पष्ट किए जाएंगे।