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पंवार बोले, ओवरलो¨डग पर सरकार का प्रयोग फेल,

जागरण संवाददाता, कैथल: आरटीए हटाने के बाद आरटीए हटाने के बाद ओवरलो¨डग से सरकार का नियंत्रण पूरी तरह से खत्म हो गया है। सरकार ने अतिरिक्त उपायुक्तों को चे¨कग के निर्देश तो दिए, लेकिन नाका लगाकर चालान काटने की इजाजत उन्हें भी नहीं थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 09:26 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 09:26 PM (IST)
पंवार बोले, ओवरलो¨डग पर सरकार 
का प्रयोग फेल,
पंवार बोले, ओवरलो¨डग पर सरकार का प्रयोग फेल,

जागरण संवाददाता, कैथल: आरटीए हटाने के बाद ओवरलो¨डग से सरकार का नियंत्रण पूरी तरह से खत्म हो गया है। सरकार ने अतिरिक्त उपायुक्तों को चे¨कग के निर्देश तो दिए, लेकिन नाका लगाकर चालान काटने की इजाजत उन्हें भी नहीं थी। इसके चलते नाके भी खत्म हो गए। प्रदेश के परिवहन एवं जेल मंत्री कृष्णलाल पंवार ने स्वीकार किया कि ओवरलो¨डग पर सरकार का प्रयोग फेल हो गया है। आरटीए कार्यालय खत्म करने के बाद आ रही इस समस्या से निपटने में दिक्कतें आ रही हैं। कैथल में पत्रकारों से बातचीत में पंवार ने कहा कि कुछ गलत सूचनाएं मिलने पर आरटीए हटा दिए गए थे। उसकी एवज में 18-19 विभागों के अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर नाकाबंदी की गई थी, लेकिन परिणाम पॉजिटिव नहीं है। राजस्व में कमी हुई है। खुद मंत्री का काम नहीं है कि वह सड़कों पर खड़े होकर चालान काटे। पंवार ने बताया कि उन्हें खुद सड़क पर उतरना पड़ा और तीन दिन में एक करोड़ रुपये के चालान किए। करनाल में मंगलौरा और रंभा चेकपोस्ट पर छापामारी की तो चार अधिकारी नदारद मिले। सभी को सस्पेंड कर दिया गया है और खुद 15 मिनट में आठ चालान किए।

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ओवरलो¨डग पर कमीशनखोरी के मामले में परिवहन मंत्री ने कहा कि पूंडरी के विधायक दिनेश कौशिक के नेतृत्व में प्रदेश भर के ट्रांसपोर्टर्स मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले। इस बारे में वे मंगलवार को मुख्यमंत्री को सूचित करेंगे। हाल ही में गोवाहाटी में देश भर के परिवहन मंत्रियों की बैठक में तय हुआ है कि जीएसटी की तर्ज पर ओवरलो¨डग के मामले में भी देश भर एक ही टैक्स हो। बॉक्स

भ्रष्टाचार की थी शिकायतें

आरटीए को लेकर प्रदेश सरकार के पास भ्रष्टाचार की शिकायतें जा रही थीं। इसके चलते अगस्त 2017 में सभी 22 जिलों के आरटीए हटा दिए थे। ओवरलो¨डग को रोकने के लिए अतिरिक्त उपायुक्तों को आरटीए के अतिरिक्त प्रभार सौंपे गए और सड़कों पर होने वाली चे¨कग को रोक दिया गया। दूसरे प्रदेशों की सीमा से सटे जिलों के एंट्री प्वाइंट पर और खनन वाले जिलों से बाहर जाने वाली सड़कों पर दो-दो स्थायी नाके लगाए गए। इन पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों की तीन-तीन दिन के रोटेशन पर ड्यूटी लगाई जाती हैं। पंजाब से लगते कैथल जिले में कोई नाका नहीं लगाया गया था।


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