सरकार ने दोगुना तो क्या फसल का लागत मूल्य भी नहीं दिया : भाकियू
जागरण संवाददाता, कैथल : भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर किसानों को तबाह करने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को इस संदर्भ में भाकियू के जींद रोड स्थित जिला कार्यालय में बैठक की गई व मांगों को लेकर आंदोलन शुरू करने पर विचार किया। किसानों ने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व किसानों को आय दोगुनी करने के सपने दिखाए थे। आय को दोगुना करना तो दूर की बात बल्कि उन्हें अपनी फसल के पूरे दाम भी नहीं मिल रहे। जितनी लागत फसलों को तैयार करने में आ रही है, कई बार तो उसकी वसूली भी पूरी नहीं हो रही।
जागरण संवाददाता, कैथल : भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर किसानों को तबाह करने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को इस संदर्भ में भाकियू के जींद रोड स्थित जिला कार्यालय में बैठक की गई व मांगों को लेकर आंदोलन शुरू करने पर विचार किया।
किसानों ने कहा कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व किसानों को आय दोगुनी करने के सपने दिखाए थे। आय को दोगुना करना तो दूर की बात बल्कि उन्हें अपनी फसल के पूरे दाम भी नहीं मिल रहे। जितनी लागत फसलों को तैयार करने में आ रही है, कई बार तो उसकी वसूली भी पूरी नहीं हो रही।
सरकार की ओर से किसानों को दी जाने वाली खाद व दवाओं के दाम तो बढ़ाए ही गए है, साथ में उनकी वजन को भी घटा दिया गया है। पहले एक थैले में 50 किलो खाद भरी जाती थी, लेकिन अब उसे घटाकर 45 किलो कर दिया है। निजी कंपनियां लाखों कमा रही है, लेकिन किसानों को घाटा उठाना पड़ रहा है।
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नहीं मिला दूध उत्पादन का बोनस
किसान ओमप्रकाश ढांडा, दिनेश, ज्ञानीराम, विनोद, बलजीत, होशियार गिल, सुभाष बडसिकरी व धर्मपाल छौत ने बताया कि वीटा कंपनी 42 लाख रुपये रोजाना कमा रही है। किसानों को प्रतिदिन 45 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। गर्मियों में दूध उत्पादक किसानों को दिया जाने वाला पांच रुपये प्रति लीटर बोनस भी इस बार नहीं मिला। फैट के हिसाब से मिलने वाले रेट में भी कमी की गई है। दूध का रेट नौ रुपये प्रति लीटर तक घटा दिया गया है। इस कारण उन्हें हर दिन लाखों का घाटा उठाना पड़ रहा है।
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कीटनाशकों की कीमत
में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी :
किसान सुभाष व होशियार ¨सह ने कहा कि इस बार खेतों में डालने वाले कीटनाशकों की कीमत में 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। इस पर लगाम कसने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे। शुगर मिलों में किसानों के करोड़ों रुपये बकाया है। कहने को तो दालों का समर्थन मूल्य 5400 से 5500 रुपये ¨क्वटल तक है, लेकिन किसानों को केवल 4200 से 4400 रुपये दिए जा रहे हैं। पिछले दिनों आग की चपेट में आई गेहूं की फसल का मुआवजा भी किसानों को अभी तक नहीं दिया गया।
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जल्द करेंगे आंदोलन :
बैठक में शामिल किसानों ने विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया कि इन समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन आंदोलन करेगी। जल्द ही कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय बैठक कर इसकी रणनीति तैयार की जाएगी। इस बैठक में प्रदेशभर के किसान नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा।